किसान आंदोलन के जरिए मोदी सरकार को घेरने वाले राकेश टिकैत अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। यूपी में विधानसभा चुनाव के बीच सबकी नजर राकेश टिकैत के बयानों पर भी है। अक्सर वे सरकार को घेरने वाले बयान देते हैं लेकिन किसी भी पार्टी को खुलकर समर्थन देने की बात नहीं कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी में राकेश टिकैत बड़ी संख्या में वोटरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। यही वजह है कि सभी पार्टियां उनके साथ अच्छा रिश्ता बनाकर रखना चाहती हैं।
ABP न्यूज़ के कार्यक्रम ‘घोषणापत्र’ में शामिल हुए राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि आपका कहना है कि पश्चिमी यूपी में दंगे आरएसएस ने कराए थे। बीजेपी, आरएसएस से लिंक है। 28 जनवरी को आपने रोते हुए कहा था कि आपने बीजेपी को वोट दिया था। जब दंगे बीजेपी और आरएसएस करवाती है और वे इतने खराब हैं तो आपने बीजेपी को वोट दिया ही क्यों था?
किसान नेता राकेश टिकैत ने इसका जवाब गोलमोल तरीके से दिया। उन्होंने कहा कि हां, बीजेपी को वोट दिया था लेकिन क्यों दिया क्या पता। भाषावाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद ये तो घुल रहा हैं यहां पे। अब ये भी बताओं कि कौन चुनाव लड़ रहा था? किसे वोट दिया था? मैं कह रहा हूं कि देश में चुनाव जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और धर्मवाद पर चुनाव हों, जो तीन चीजें हावी हो जाएं, उस पर वोट दिया जाए।
बता दें कि राकेश टिकैत का कहना है कि वे किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है बल्कि वह सरकार के खिलाफ हैं। जो उनकी मांगे नहीं मान रही है। हालांकि टिकैत के बयान से उनके विरोध का इशारा समझा जा सकता है। राकेश टिकैत ने ये भी कहा है कि अगला आंदोलन बेरोजगारी को लेकर होगा। टिकैत ने कहा कि जब हम बर्तन खरीदने जाते हैं तो ठोंक-बजाकर खरीदते हैं, सरकार भी चुननी है तो ठोंक-बजाकर फैसला कर लें।
गौरतलब है कि पश्चिमी यूपी की कुल 136 सीटें महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। पश्चिमी यूपी की 136 सीटों में से 113 सीटों पर पहले दो चरण में मतदान होने वाले हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिमी यूपी की 108 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पहले चरण में जिन विधानसभा सीटों पर वोटिंग होने वाली है उनमें 58 में से 54 सीटें भाजपा के पास है।