कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए बनी सहमति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि मित्रों को खोना ही इस सरकार की विदेश नीति है। उन्होंने भूटान और चीन के बीच बनी सहमति संबंधी एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया- भारत सरकार की विदेश नीति। मित्रों को कैसे खोना है और किसी पर कोई प्रभाव नहीं डालना है।
राहुल ने कहा कि मोदी सरकार चीनी घुसपैठ को लेकर भी कहती आ रही है कि न तो कोई वहां आया और न ही कोई गया। लेकिन फिर भी चीन से लगातार बातचीत की जा रही है। उनका कहना है कि चीन को लेकर सरकार लगातार गफलत की स्थिति पैदा कर रही है। लोगों को पता होना चाहिए कि वास्तविक स्थिति एलएसी पर क्या है। लोगों को सरकार से यह जानने का अधिकार है कि लद्दाख में चीन ने कितने इलाके में घुसपैठ की।
भूटान ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि उसने चीन के साथ काफी समय से लंबित सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सहमति व्यक्त की है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि तीन चरणों के खाके से संबंधित एमओयू से सीमा वार्ता को गति मिलेगी। इसमें कहा गया कि यह उम्मीद की जाती है कि यह खाका अच्छी भावना, समझ और समावेशी भाव से लागू किया जायेगा। यह सीमा वार्ता को दोनों पक्षों को स्वीकार्य सफल निष्कर्ष तक पहुंचाएंगे।
भारत ने इस घटनाक्रम पर कहा कि उसने इस पर संज्ञान लिया है। इस संबंध में भूटान और चीन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस पर कहा था कि हमने भूटान और चीन के बीच समझौता होने पर संज्ञान लिया है। हमें इसकी जानकारी मिली है। उन्होंने कहा था कि आपको पता है कि भूटान और चीन आपस में 1984 से सीमा वार्ता कर रहे हैं और इसी प्रकार से भारत भी चीन के साथ सीमा वार्ता कर रहा है।
GOI’s foreign policy:
How to lose friends and influence nobody. pic.twitter.com/SYLxgfEXBr
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 15, 2021
गौरतलब है कि चार वर्ष पहले डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक गतिरोध कायम रहा था। तब चीन ने इस क्षेत्र में सड़क का विस्तार करने का प्रयास किया था। भूटान ने कहा था कि यह क्षेत्र उसका है और उस समय भारत ने भूटान के दावे का समर्थन किया था।