कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा से सदस्यता खत्म होने के बाद शनिवार 25 दिसंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर सरकार और भाजपा पर कई हमले किए। राहुल गांधी ने कहा कि देश में लोकतंत्र खत्म हो चुका है। माफी मांगने की बात पर राहुल गांधी ने कहा कि उनका नाम सावरकर नहीं है। प्रेस कांफ्रेंस के खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी की आंखों में उन्होंने डर देखा है।
मैंने पीएम की आंखों में डर देखा-राहुल गांधी
राहुल गांधी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “मैंने प्रधानमंत्री की आखों में डर देखा है, वो डरते हैं अडानी पर संसद में मेरे अगले भाषण से। सीधा सवाल है कि शेल कंपनियों द्वारा अडानी समूह में लगाया गया ₹20,000 करोड़ का विदेशी पैसा किसका है? ये सारा नाटक इसी सवाल से ध्यान भटकाने के लिए है।” लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
यूजर्स कर रहे ऐसे कमेंट
@yadavamit_sp यूजर ने लिखा कि आपका आरोप है कि अडानी भ्रष्ट हैं तो फिर राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उनके साथ क्यों काम कर रहे हैं? राहुल जी को सबसे पहले तो इन दोनों राज्यों से निकाल बाहर करना चाहिए। नोट- एक भ्रष्टाचारी का साथ देने वाला व्यक्ति भी भ्रष्टाचारी ही होता है। @ramdeepmishra11 यूजर ने लिखा कि आपकी एक बात पसंद आई है कि विपक्ष को एक हथियार मिल गया है, मौज कर दी। एक यूजर ने लिखा कि कई बार मुझे भी लगता है कि मोदी जी भगवान हैं। अभी 4 दिन पहले की ही बात है, जब राहुल गांधी जी ने दुखी मन से कहा था कि “दुर्भाग्य से मैं सांसद हूं” और आज मोदी भगवान ने उनकी सुन भी ली। अब राहुल जी सांसद नहीं हैं।
@YasmeenKhan_786 यूजर ने लिखा कि पहले ED से धमकाया, फिर पुलिस से डराने की कोशिश की।
आख़िर में नीरव, ललित और मेहुल जैसे चोरों को चोर कहने वाले 4 साल पुराने बयान को आधार बनाकर हास्यास्पद केस बनाकर राहुल जी की सदस्यता रद्द कर दी गई। लोकतंत्र का मजाक बनते देखिए। @iamaks यूजर ने लिखा कि हम तो फकीर हैं, झोला उठा के चल देंगे। ऐसा कहते-कहते कईयों के झोले-झंडे समेट दिए फकीर ने। @Arun2981 यूजर ने लिखा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अडानी के साथ चल रहे बिजनेस को भी बंद किया जायेगा क्या? शर्मनाक !
बता दें कि राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सदस्यता छीना जाना अडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है। उन्होंने कहा कि 20,000 करोड़ रुपये का सवाल है। ऊपरी अदालत से सूरत कोर्ट फैसले पर स्टे लग जाने के बाद सदस्यता की बहाली पर किए एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि चाहे मुझे सदस्यता मिले, न मिले मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दें तो भी मैं अपना काम करूंगा!