कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने 25 मार्च को एक प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला, इसके साथ ही उन्होंने पत्रकारों के कई सवालों के जवाब भी दिए। प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी से माफ़ी मांगने पर भी सवाल पूछा गया, इस पर उन्होंने सावरकर का जिक्र कर जवाब दिया है। राहुल गांधी के इस जवाब पर सोशल मीडिया पर भी लोगों की खूब प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
माफी के सवाल पर क्या बोले राहुल गांधी?
प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी से सवाल पूछा गया कि सत्ता पक्ष के लोग आपसे लंदन में दिए बयान और पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी पर माफ़ी मांगने के लिए कहा लेकिन आपने माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया? राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी सोचता है कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफ़ी नहीं मांगता। राहुल गांधी ने कहा कि मैंने संसद में कहा है कि मुझे बोलने दीजिये, एक बार बोलने दीजिये, दो बार चिट्ठी लिखी, स्पीकर से मांग की है।
बीजेपी, अडानी का बचाव क्यों कर रही है?-राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि स्पीकर ने मुझसे कहा कि मैं नहीं कर सकता। आप नहीं कर सकते तो कौन कर सकता है? शायद मुझे जाकर मोदी जी से पूछना पड़े। वो तो करने ही नहीं देंगे। मेरा मुद्दा ये है कि इस देश से लोकतंत्र खत्म हो चुका है, जो दिल में है वो बोल नहीं सकते। हमारी संस्थाओं पर आक्रमण हो चुका है। मैं नरेंद्र मोदी जी पर नहीं बल्कि अडानी जी पर सवाल पूछ रहा हूं तो बीजेपी अडानी का बचाव क्यों कर रही है?
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
@Pareshb83781485 यूजर ने लिखा कि अब कहानी खत्म है राहुल गांधी की। गलत तो गलत ही है कानून से ऊपर कोई नहीं है। @neerajdubey यूजर ने लिखा कि आप दूसरों को क्या एकजुट करेंगे? आपकी पार्टी और परिवार ही एकजुट नहीं है। AK Antony ने सभी विपक्षी दलों से एक साथ आने की अपील की। हालांकि, उनके बेटे AnilAntony ने कहा है कि Congress को एक व्यक्ति की गलतियों को ढकने पर ध्यान देना बंद करना चाहिए और देश के मुद्दों पर काम करना चाहिए।
@TejasModi03 यूजर ने लिखा कि इस कारण से ही, देश की जनता आपको सत्ता से बाहर रखे हुए है। @Sktiwari231 यूजर ने लिखा कि मेरा नाम राहुल गांधी है। गांधी कानून से ऊपर है। गांधी किसी को भी अपमानित कर सकता है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है। चाहे वो जनता हो या अदालत। अशोक पंडित ने लिखा कि यही तो आपकी बदक़िस्मती है कि आपका नाम सावरकर नहीं है! सावरकर नाम पाने के लिए बहुत जन्मो तक तपस्या करनी पड़ती है।