अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद से ही वहां की स्थिति खराब हो गई है। गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर आतंकवादी हमला भी हुआ। जिसमें अमेरिकी सेना के जवानों के साथ ही कई आम नागरिक भी मारे गए। वहीं भारत में विपक्षी नेताओं के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बैठक की। जिसमें उनकी तरफ से कहा गया है कि हम अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने में लगे हुए हैं।

इसी मुद्दे पर एक न्यूज़ चैनल में डिबेट हो रही थी। जिसमें जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि विदेश नीति एक ऑनगोइंग प्रोसेस है, पिछली सरकारों की तरह ही काम किया जाता है। उनकी इसी बात पर शिवसेना प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि मुझे अजय आलोक की बातें समझ में नहीं आई। उन्होंने कहा कि फॉरेन पॉलिसी एक ऑनगोइंग प्रोसेस है।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शिवसेना प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सरकारी पिछली सरकारों की तरह ही विदेश नीति चलाती हैं तो वह पूरी तरह से गलत है। पता नहीं वह कौन से भ्रम में रहते हैं… अगर पिछली सरकारों की तरह ही काम किया जा रहा होता तो पाकिस्तान से पप्पियां – झप्पियां करना, फिर पुलवामा होना। इस तरह से नहीं होता है।

प्रियंका चतुर्वेदी की बात का जवाब देते हुए जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि हमारी फॉरेन पॉलिसी हमेशा से ऐसे रही है जिसमें हम किसी पर पहले अटैक नहीं करते हैं। हमारी कोशिश रहेगी सब से दोस्ती करने की। इसी कड़ी में अगर कोई पप्पी – झप्पी लेता है….. वैसे तो पप्पी झप्पी में इस वक्त आप भी साथ थे।

बता दें कि विपक्षी पार्टियां नरेंद्र मोदी सरकार से अफगानिस्तान और तालिबान के मुद्दे पर तमाम सवाल पूछ रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी सर्वदलीय बैठक में तालिबान को लेकर उसकी रणनीति के बारे में सवाल किया और कहा कि तालिबान के काबुल में कब्जा करने के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए
आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठाने और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तैयारियां बढ़ाने की जरूरत है।