Pregnant Woman Delivers Twins in Kosi Express: कहा जाता है कि गर्भावस्था के आखिरी महीनों में सफर नहीं करना चाहिए। खास कर सातवां महीना चढ़ने के बाद तो किसी भी स्थिति में सफर करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इन महीनों में कभी भी प्रसव पीड़ा शुरु होने की संभावना बनी रहती है।
सह-यात्रियों की मदद से जुड़वां बच्चों को जन्म दिया
बिहार के बेगूसराय की रूपम देवी के साथ ही ऐसा ही हुआ। आलोक यादव की गर्भवती पत्नी रूपम देवी बेगूसराय से पटना जा रही थी। हालांकि, इसी दौरान बुधवार की सुबह ट्रेन के एसी कोच से सफर कर रही महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। वो दर्द से छटपटाने लगीं। उसने ट्रेन में ही सह-यात्रियों की मदद से जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
जानकारी अनुसार पटना से कुछ ही किलोमीटर दूर मोकामा से ट्रेन निकली ही थी कि महिला को दर्द शुरू हुआ और उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। ऐसे में रेल विभाग को जानकारी दी गई। रेल विभाग ने तुरंत इसकी जानकारी रेल पुलिस बाढ़ और आरपीएफ पुलिस को दी।
सूचना पाकर पुलिस ने तुरंत संज्ञान लिया और कार्रवाई करते हुए प्लेटफॉर्म नंबर – 2 पर पहुंचकर प्रसूती महिला और उसके बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं, तुरंत एंबुलेंस की व्यवस्था करते हुए उन्हें अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित हैं। पूरी घटना क्षेत्र में कौतूहल का विषय बना हुआ है।
बता दें कि ट्रेन में डिलिवरी की ये कोई पहली घटना नहीं है, पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। इसी साल मार्च में पश्चिम बंगाल में सियालदह से न्यू अलीपुरद्वार तक पदातिक एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान, एक महिला को अचानक से प्रसव पीड़ा हुई, जिस पर यात्रियों और ट्रेन कर्मचारियों ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने बिना देर किए, उन्होंने सुरक्षित डिलिवरी सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन के जनरल डिब्बे को लेबर रूम में बदल दिया। लोगों की मदद से महिला ने बेटी को जन्म दिया था।
