देश के मशहूर वकील प्रशांत भूषण सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और अपने टिप्पणियों को लेकर चर्चित हैं। अक्सर वह देश में चल रहे मुद्दों पर अपनी टिप्पणी करते हैं। प्रशांत भूषण सरकार से सवाल पूछते हैं, तंज कसते हैं और तीखा हमला भी बोलते हैं। इस वक्त उनका ‘मोदानी’ को लेकर किया ट्वीट चर्चाओं में हैं।

तस्वीर शेयर कर प्रशांत भूषण ने किया ट्वीट

प्रशांत भूषण अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें लिखा है कि मोदानी एंड कंपनी। इसके साथ ही ‘सुप्रसिद्ध महासुगंधित सुपरियां एवं पाचक चूर्ण’ लिखा हुआ है। इस तस्वीर को शेयर प्रशांत भूषण ने लिखा है कि मोदानी एंड कम्पनी सुपारी दे रहे हैं? प्रशांत भूषण के इस ट्वीट पर तमाम लोग कमेंट कर रहे हैं।

आ रहे ऐसे कमेंट्स

@pranavsirohi यूजर ने लिखा कि इनका चूर्ण मंगाकर आजमाया जा सकता है। बरसों पुरानी बदहजमी दूर करने का दावा है इनका। डाक खर्च भी माफ है। एक रुपये वाला इंट्रोडक्टरी ऑफर भी उपलब्ध है। एक ने यूजर ने लिखा कि सर, अच्छा लग रहा है आपकी खुशी देखकर। अब मेरे देश का हैप्पीनेस इंडेक्स ऊपर जाने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। @Sunitkrsrivasta यूजर ने लिखा कि वाह मोदीजी वाह! आपने क्या कर दिया? इतने बड़े-बड़े लोगों के यह दिन आ गए, सुबह शाम लिख दिया इन लोगों ने आपका नाम जपना शुरू कर दिया। कभी इनका नाम सुप्रीम कोर्ट के बहुत बड़े वकील के रूप में होता था।

@arvindp72108598 यूजर ने लिखा कि आपकी गिनती नामी गिरामी वकीलों में होती है। ऐसे पोस्ट की उम्मीद आप से न थी। @janshri यूजर ने लिखा कि क्या बात है सुपारी के शौकीन लोग, बढ़िया दुकान खोज ही लेते हैं यहां तो चूरन भी मिल रहा है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि ये क्या हाल बना रखा है आपने ! आजकल वकालत नहीं चल रही क्या ,जो सुपारी और चूर्ण की दुकान खोल ली? @anjpoddar यूजर ने लिखा कि आप सच में एक वकील और देश के एक जिम्मेदार नागरिक हैं? भरोसा नहीं होता।

इससे पहले प्रशांत भूषण NCERT की किताबों से मुगल इतिहास को हटाए पर ट्वीट करते हुए कहा था कि जैसा कि यह सरकार इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से मुगलों पर वर्गों को हटा रही है। 2 पुराने मुगल चित्रों को देखें, जिसमें अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को लाल किले में रक्षा बंधन मनाते हुए और महरौली में फूलवालों की सैर (एक धर्मनिरपेक्ष त्योहार जिसे उन्होंने शुरू किया था) दिखाया गया है। उन्हें अंग्रेजों ने निर्वासित कर दिया था।