मशहूर पत्रिका ‘टाइम’ द्वारा अपने ताजा अन्तर्राष्ट्रीय संस्करण के कवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगायी है। इस तस्वीर के साथ टाइम ने जो हेडलाइन दी है, वो है ‘इंडियाज डिवाइडर इन चीफ’। इसे लेकर भारत में सोशल मीडिया पर काफी कुछ लिखा जा रहा है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो बिना इस हेडलाइन का मतलब समझे, इसे पीएम मोदी की एक उपलब्धि बता रहे हैं। दरअसल कुछ लोग ‘डिवाइडर इन चीफ’ को एक सम्मानित अन्तर्राष्ट्रीय उपाधि समझ रहे हैं। जिसके चलते उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे लेकर बधाई संदेश देने शुरु कर दिए हैं। ऐसे ही कई सोशल मीडिया पोस्ट सामने आए हैं।

नरेंद्र नाथ नाम के यूजर ने अपने वॉल पर उमेश रंजन साहू नाम के भाजपा कार्यकर्ता के फेसबुक पोस्ट का एक फोटो साझा करते हुए लिखा है कि टाइम मैगजीन ने मोदीजी पर बहुत बड़ा कवर स्टोरी छापी “डिवाइडर ऑफ इंडिया” कह कर। बीजेपी के एक नेता को लगा कि यह डिवाइडर ऑफ इंडिया कोई ग्लोबल सम्मान टाइप है। बस तुरंत “मोदी है तो मुमकिन है” के नारे के साथ उसे गौरव के रूप में बांटने लगे। फिर किसी ने समझाया को डिलीट मारा। इस पर कई लोगो ने चुटकी ली है। किसी ने अंग्रेजी ज्ञान पर सवाल खड़े किए तो किसी ने भक्ति पर।

बता दें कि अमेरिकन मैग्जीन टाइम ने अपने 20 मई, 2019 के अन्तर्राष्ट्रीय अंक के कवर पर पीएम मोदी को जगह दी है। इस अंक के कवर पर दो हेडिंग दी गई हैं, जिनमें आतिश तासीर की ‘इंडियाज डिवाइडर इन चीफ’ और अमेरिका के राजनैतिक सलाहकार इयान ब्रीमर की ‘मोदी द रिफॉर्मर’ शामिल है। हालांकि टाइम ने आतिश तासीर के लेख को ज्यादा प्रमुखता से कवर पर जगह दी है। बता दें कि आतिश तासीर भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तान के दिवंगत राजनेता और बिजनेसमैन सलमान तासीर के बेटे हैं। आतिश ने अपने लेख में लिखा है कि पीएम मोदी अपने बीते कार्यकाल में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। तासीर ने ये भी लिखा है कि मोदी के कार्यकाल में भारत में धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल बना है।

 

https://twitter.com/SameButUnbiased/status/1126837953735487488

https://twitter.com/rajatsahani13/status/1126769848090939392

वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राजनैतिक सलाहकार इयान ब्रीमर ने अपने लेख में पीएम मोदी के आर्थिक मामले में रिकॉर्ड को मिला-जुला बताया है। लेख में कहा गया है कि भारत में अभी बदलाव की जरुरत है और मोदी वह शख्स हैं, जो यह करने में सक्षम हैं। उन्होंने चीन, अमेरिका और जापान के साथ रिश्ते सुधारे हैं, साथ ही घरेलू स्तर पर भी उन्होंने अच्छा काम किया है।