1 अक्टूबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। मानगढ़ धाम में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी को दुनिया भर में सम्मान मिलता है, क्योंकि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री है, जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और जो महात्मा गांधी का देश है। इसके बाद पीएम मोदी ने अशोक गहलोत को लेकर मंच से तारीफ की!
पीएम मोदी ने गहलोत को लेकर किया ट्वीट
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अशोक जी और मैंने सीएम के रूप में साथ काम किया। वह हमारे बहुत से मुख्यमंत्रियों में सबसे वरिष्ठ थे। जो अभी मंच पर बैठे हैं उनमें अशोक जी आज भी सबसे वरिष्ठ सीएम में से एक हैं! पीएम मोदी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
@bbjournalist यूजर ने लिखा कि मोदी जी संकेतों में कह रहे हैं कि कांग्रेस में सीनियर्स की इज्जत नहीं है। @Mask_orgnl यूजर ने लिखा कि उन्होंने एक बार गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी और आज वह कांग्रेस के साथ नहीं हैं। आज इन दोनों लोगों ने एक दूसरे की खूब तारीफ की। तो चलिए इंतजार करते हैं और परिणाम देखते हैं। @HvIndian यूजर ने लिखा कि दूसरा “गुलाम नबी आजाद” बनाने की प्लानिंग चालू हो गई है।
@Toxicasmic यूजर ने लिखा कि पीएम मोदी ने यह ताना मारते हुए कहा था कि “अशोक जी सबसे वरिष्ठ सीएम थे और फिर भी पार्टी में भाई-भतीजावाद के कारण सबसे वरिष्ठ सीएम हैं”। @MaliniAzif यूजर ने लिखा कि मोदी जी खिंचाई करने की कोशिश कर रहे हैं कि वो पहले भी सीनियर मुख्यमंत्री थी और आज भी है। मतलब उन्हें कुर्सी से ही प्यार है। @MANISHBHARGAVIN यूजर ने लिखा कि ये गहलोत जी को बता रहे हैं कि हिंदू-मुस्लिम करके मैं सीएम से पीएम बन गया और सीएम के सीएम ही रह गए।
बता दें कि मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की जनजाति समुदाय के लिए विशेष महत्व रखती है। यहां आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इसके इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ, वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी। दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के गाट उतारा था।’ उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के इस बलिदान को जो जगह मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे।
