उतराखंड पुलिस ने एक साल से लापता बुजुर्ग को खोजकर परिजनों से मिलवाया है। परिजनों ने जब एक साल से लापता बुजुर्ग को अपनी आंखों से देखा तो वह आंसू नहीं रोक पाए और बिलखकर रो पड़े। बुजुर्ग उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले थे, जो भटकते हुए उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल पहुंच गए थे।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले लालजी वर्मा (72 साल) को पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने परिजनों से मिलवाया। एक साल से लापता लालजी वर्मा को जैसे ही परिजनों ने देखा तो वह रो पड़े। एक महिला ने रोते हुए कहा, ‘हम लोगों को छोड़कर कहां चले गये थे बाबू!’ लालजी वर्मा के बेटे अमरनाथ वर्मा उन्हें लेने के लिए आजमगढ़ से पौड़ी गढ़वाल पहुंचे थे। पुलिस के इस कदम की खूब तारीफ हो रही है।

पुलिस को कैसे मिले लाल जी?

24 तारीख को कोतवाली लैन्सडाउन की चौकी गुमखाल पुलिस को सूचना दी गई कि सोशल मीडिया पर एक गुमशुदा बुजुर्ग की तस्वीर वायरल हो रही है और ठीक उसी शक्ल का एक बुजुर्ग सतपुली गुमखाल रोड पर है। पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और मौके पर पहुंची। बुजुर्ग बातचीत में नाम, पता बताने में असमर्थ था। आधार कार्ड से पता चला कि उनका नाम लालजी वर्मा पुत्र स्व0 हरिलाल वर्मा है, जो आजमगढ़ के गांव शिवनगर, कोतवाली विलरियागंज,के रहने वाले हैं। उनकी उम्र 72 साल है।

Pauri-Garwal
लालजी वर्मा के साथ परिजन और पौड़ी गढ़वाल पुलिस

बुजुर्ग के बारे में जानकारी मिलने के बाद पौड़ी-गड़वाल पुलिस ने आजमगढ़ पुलिस से संपर्क किया और जानकारी दी। तब पता चला कि परिजनों द्वारा 01 साल पहले ही थाना विलरियागंज में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी। विलरियागंज पुलिस एवं परिजनों द्वारा लालजी वर्मा को खोजने की खूब कोशिश की गई लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। वहीं जैसे ही परिजनों को पता चला कि लालजी मिल गए हैं और वह पौड़ी गढ़वाल में पुलिस के पास हैं तो वह तुरंत आजमगढ़ से पौड़ी गढ़वाल के लिए निकल गए।

करीब एक साल तक गायब रहे लालजी को वापस परिवार तक पहुंचाने में वरिष्ठ उपनिरीक्षक मुकेश भट्ट, SI वेद प्रकाश, आरक्षी शेखर सैनी, मनोज नेगी, चन्द्रपाल, कपिल, होमगार्ड नितेश और पंकज शामिल रहे। लालजी के परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस की जमकर तारीफ की है। उत्तराखंड डीजीपी ने भी अपने X अकाउंट पर वीडियो शेयर किया है।