विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए साझा उम्मीदवार बनाया गया है। लिहाजा वह सभी राज्यों में प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर अपने लिए वोट मांग रहे हैं। यशवंत सिन्हा लगातार नरेद्र मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं और इसे संविधान बचाने की लड़ाई कह रहे हैं।

यशवंत सिन्हा ने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह कह रहे हैं, “हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम समाज को साम्प्रदायिक रूप से बंटने नहीं दें क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो सब कुछ नष्ट हो जायेगा। 1946-47 में हुए अशांति के बाद भी हमारे संविधान के निर्माताओं ने एक ऐसा संविधान दिया, जिस पर हमें गर्व है।”

यशवंत सिन्हा ने कहा कि “वो संविधान सेक्युलर, धर्मनिरपेक्ष, प्रजातांत्रिक था। वह संविधान और उसके मूल्य आज खतरे में हैं।” यशवंत सिन्हा ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा कि “आज समाज को सांप्रदायिक आधार पर बाँटने का प्रयास हो रहा है और यह हम सबका कर्तव्य है कि हम ऐसा न होने दें।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: मोना पटेल नाम की यूजर ने लिखा कि ‘जब हार नजर आती हो तो संविधान खतरे में नजर आने लगता है।’ नवल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप उल्टा समझाने का व्यर्थ प्रयत्न कर रहे हैं। जो पार्टी संप्रदाय के आधार पर बांटने का प्रयास कर रही है, वही लोग आपको राष्ट्रपति के लिए सपोर्ट कर रहे हैं।’ सनी यादव ने लिखा कि ‘मान्यवर देश का संविधान ही नहीं अगर यह सरकार सत्ता में रही तो देश ही खतरे में हमेशा रहेगा। जैसे कि आज भी है और इनको देश की कोई चिंता नहीं है, यह हिंदू-हिंदू करके जीत जाते हैं।’

हितेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘फिर तो सिन्हा जी, राष्ट्रपति पद के लिए नहीं बल्कि प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ना चाहिए आपको!’ नीतीश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बिलकुल सत्य। देश में लोकतंत्र को सही दिशा में लेकर चलना है तो यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति बनना जरूरी है, वरना रबड़ स्टाम्प से लोकतंत्र सुरक्षित कभी नहीं होगा।’ निलेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सत्ता से बाहर होने वालों को संविधान हमेशा ख़तरे में ही दिखता है। आम जनता ऐसे लोगों से ज़्यादा बुद्धिमान है। तभी तो ऐसे लोगों को उठा कर बाहर का रास्ता दिखा देते हैं।’

बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है। एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को साझा उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग-लगभग तय माना जा रहा है।