उत्तर प्रदेश उत्तर गाजीपुर में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) पर 10 मई को हमला हुआ था। अपनी विधानसभा क्षेत्र में एक ब्रह्मभोज कार्यक्रम में पहुंचे ओपी राजभर ने आरोप लगाया था कि उन पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडों से हमला किया है। इस मामले में ओपी राजभर समेत 15 कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया है। वहीं ओपी राजभर की ओर से भी ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
इसी विषय पर टीवी चैनल से बात करते हुए ओपी राजभर ने गाजीपुर पुलिस पर आरोप लगाया कि यह सब केवल बीजेपी के कहने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम कहते हैं.. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल अपने स्तर पर एक जांच करा लें। मैं योगी आदित्यनाथ और बीजेपी को चैलेंज देता हूं कि अगर मेरा आरोप गलत निकल गया तो मैं विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा।
ओपी राजभर ने बताया कि घटना के बाद एसपीआरए की ओर से कहा गया था कि हम कोई भी फर्जी मुकदमा नहीं लिखेंगे। 24 घंटे में गिरफ्तारी के बाद की गई थी लेकिन जेल में पकड़ा भी गया था। उन्हें भी पुलिस द्वारा थोड़ी देर के बाद छोड़ दिया गया। यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए ओपी राजभर की ओर से कहा गया कि यहां पर अपराधी खुला सांड की तरह घूम रहे हैं।
अपने ऊपर हुए मुकदमे को लेकर ओपी राजभर ने यूपी सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मुझ पर उल्टा मुकदमा कराया गया है। अपने क्षेत्र में जाने के लिए सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी। अपने क्षेत्र में रहने वाले बीजेपी के नेताओं से पूछना पड़ेगा कि हम किस के घर जाएं। उन्होंने दावा किया कि उनके ऊपर हमला करने वाले लोग बीजेपी के थे।
ओपी राजभर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जिस तरह से पहले डाका डालने वाले जय भवानी बोलते थे। उसी तरह बीजेपी के नेता किसी पर हमला करने के साथ जय श्री राम का नारा लगाते हैं। उन्होंने कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों के सामने इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया।