उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर सरकार पर तीखा हमला बोल रहे हैं लेकिन अब मांग उठ रही है कि अखिलेश यादव को कमरे और सोशल मीडिया से निकल कर जमीन पर उतरना चाहिए। लोगों के बीच जाना चाहिए है और लोगों के मुद्दे समझकर, उनके साथ खड़ा होना चाहिए। समाजवादी पार्टी के सहयोगी ओपी राजभर ने भी यही सुझाव अखिलेश यादव को दिया है।
ओपी राजभर ने कहा कि ‘जब सपा नेता मुझसे मिलते हैं तो वे मुझसे कहते हैं कि मैं उनके नेता को अपने घर से बाहर निकलने और जनता के बीच जाने के लिए कहूं, जैसे मैं करता हूं। इसलिए, मैंने कहा कि अखिलेश यादव को बाहर निकलने और जनता के बीच जाने की जरूरत है। बैठकों की एक श्रृंखला शुरू करने की जरूरत है और पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है।’
सोशल मीडिया पर लोग ओपी राजभर के बयान पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। धनश्री अधिकारी ने लिखा कि ‘लगता है अखिलेश को अभी तक अकल नहीं आई। अभी से जनता के बीच रहकर मेहनत करेंगे तो 2027 में उनका मुख्यमंत्री बनना तय है लेकिन इनको मेहनत ही नहीं करनी।’ विनय सिंह ने लिखा कि ‘तुम क्यों नहीं उनको बाहर लाने की कोशिश करते?’
शिबली नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सही है आपकी बात, अखिलेश तो ऑफिस के AC से बाहर ही नहीं जाते हैं।’ राजेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्यों चुनाव से पहले बड़ी आस्तीन चढ़ा रहे थे कि भैया के सहारे जीत जाएंगे? मौसम विज्ञानी बनने की कोशिश कर रहे थे, अब क्या हुआ?’ विनय पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘चुपचाप अखिलेश जी आराम करें, उन्हें आराम की जरूरत है, मुझे कुछ फायदा नहीं दिख रहा है। अरे जो पहले से थे, वह हैं ही और जो नहीं है, वह रहेंगे भी नहीं।’
जीसी अग्रवाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ओम प्रकाश राजभर, ख्याल रखें कि ये अखिलेश यादव हैं, उनको ज्यादा सलाह न देकर अपनी इज्जत बचाये रखें । वह अपने पापा, चाचा की नहीं सुनते तो तुम्हारी क्या सुनेंगे। उनको मालूम है कि क्या और कैसे करना है।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘इतनी गर्मी में कैसे निकलने वाले हैl’ उत्तम यादव ने लिखा कि ‘समझ गए पलटी मारने के फिराक में हैं, दयाशंकर सिंह से मिलकर बात कर लिए हैं इसीलिए तो ऐसे बोल ही रहे हैं।’
बता दें कि अखिलेश यादव इस वक्त मुश्किल में फंसे हुए हैं। चाचा शिवपाल यादव पहले से नाराज हैं और जेल से बाहर आए आजम खान और अखिलेश यादव के बीच भी सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। इसी बीच ओपी राजभर की ये सलाह क्या यूपी की राजनीति में किसी नए हलचल का संकेत हैं?