हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) ने रामसेतु (Ramsetu) को लेकर राज्यसभा में सवाल किया। जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि ब्रिज होने का दावा करना मुश्किल है। बीजेपी नेता (BJP Leader) के इस जवाब पर अब सोशल मीडिया (Social Media) पर लोग कई तरह के रिएक्शन (Reaction) दे रहे हैं। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने इस पर तंज कसते हुए ट्वीट (Tweet) किया है।
सांसद कार्तिकेय शर्मा ने किया ऐसे सवाल
हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा में पूछा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार हमारे गौरवशाली इतिहास को लेकर कोई साइंटिफिक रिसर्च कर रही है? क्योंकि पिछली सरकारों ने लगातार इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दिया था।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दिया ऐसा जवाब
कार्तिकेय शर्मा द्वारा रामसेतु को लेकर उठाये गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा,”मुझे ख़ुशी है कि इस मुद्दे पर सवाल किया गया। ये करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है इसलिए इसकी कुछ सीमा है। जिस ब्रिज की बात हो रही है वो करीब 56 किमी लंबा था। स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए हमने पता लगाया कि समुद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े पाए गए हैं लेकिन ये कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक स्वरूप वहां मौजूद है।
पप्पू यादव ने कसा तंज
पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने ट्विटर पर लिखा,”मोदी सरकार ने संसद में कहा कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है। यही बात मनमोहन सिंह सरकार ने कहा था तो बीजेपी ने कांग्रेस को हिंदू विरोधी बताया था! अब बताओ अंधभक्तों हिंदू विरोधी कौन?” कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कमेंट किया कि सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आँखें खोल कर देख लो। मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है।
लोगों ने यूं ली चुटकी
पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने कमेंट किया कि रामसेतु को नकारने वाले क्या आज भी अधर्मी हैं? पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने कमेंट किया कि रामसेतु को नकारने वाले क्या आज भी अधर्मी हैं? लेखक अशोक कुमार पांडेय कमेंट करते हैं- यही बात पिछली सरकार ने कही तो राष्ट्रद्रोही कहा गया। अब यह सरकार भी कह रही है कि राम सेतु होने के कोई पक्के प्रमाण नहीं हैं। @salil_shree नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया,”क्या यह खबर, रामसेतु, धर्म और हमारी धरोहर का घोर अपमान माना जाएगा, या नहीं? अब ना किसी की भावनाऐं आहत होंगी, ना धर्म जागेगा और ना राष्ट्रवाद, पाखंड।