2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने अपने प्रचार के दौरान कई वादे किए थे। प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा था कि काले धन को भारत को वापस लाने के लिए हम हर कोशिश करेंगे और जो पैसे वापस आएंगे, उसे हम नौकरीपेशा लोगों को ५-10 प्रतिशत गिफ्ट के दौर पर देंगे। हालांकि आज के समय काला धन पर सरकार समर्थित लोग बात करने से बचते नजर आते हैं।

इसी बीच नरेंद्र मोदी द्वारा कालेधन को लेकर किए गये वादे का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें मोदी कह रहे हैं कि ‘जहां भी कालाधान पड़ा है, हम सरकार में आते ही एक टास्क फ़ोर्स बनाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो कानून में संशोधन करेंगे, नए कानून बनाने पड़े तो कानून बनाएंगे। विश्व में जहां-जहां काला धन पड़ा है, उसको जानकारी लेंगे और एक-एक पाई वापस लाएंगे।’ 

नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘ये जो पैसे वापस आएंगे, उसमें ५-10 प्रतिशन राशि, जो लोग ईमानदारी से देश को टैक्स देते हैं, विशेषकर जो सैलरी वाले लोग हैं, उनके पास कोई चारा नहीं है उनका टैक्स यूँ ही कट जाता है। उनको पांच से दस प्रतिशत गिफ्ट के तौर पर वापस देंगे।’ पीएम मोदी के इस वीडियो को शेयर कर पत्रकार दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए लिखा कि ‘पूरी तरह सहमत! मोदी जी जुमलेबाज नहीं हैं।’ श्यामजी राजपुरोहित ने लिखा कि ‘ये मोदीजी हैं जो कहते है वो करते है।’

लोगों की प्रतिक्रियाएं: नरेंद्र नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अभी बहुत वक्त है मोदी जी के पास, पहले देश के अंदर वाले भ्रष्टाचारियों से तो निपट लेने दो। सारे भ्रष्टाचारी अपने आप बकने लगेंगे।’ नौशाद अहमद खान ने लिखा कि ‘हमें तो 15 लाख मिल गया। आप लोगों को मिला कि नहीं। इतना ही नहीं, हमको तो 50 हजार पगार का नौकरी भी मिल गई।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘हो सकता है मोदी जी को कोई ईमानदार टैक्स पेयर ही न मिला हो, इसलिए सोचे होंगे कि छोड़ो जाने दो, क्यों कालाधन लाने की जहमत की जाये।’

मनोज चौधरी ने लिखा कि ‘माननीय मोदी जी मेरा टैक्स भी यूं ही कट जाता है। वो जो आप कह रहे थे 5-10 प्रतिशत, मेरा कब आयेगा। बहुत जरूरत है, हो सके तो दिलवा दीजिए।’ संजय सिंह ने लिखा कि ‘कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर होता है। जुमला और सत्य क्या है, देश वासियों ने देखा हैं।’ एमके राघव ने लिखा कि ‘मोदी जी जो बोलते हैं वो करते हैं कि नहीं ये पता नहीं लेकिन जो नहीं बोलते वो डेफिनेटली करते हैं!’ दीपक नाम के यूजर ने लिखा कि ‘फिर भी दो बार जीते हैं साहब, कुछ तो लोगों ने देखा होगा!’ भानु प्रताप ने लिखा कि ‘झूठ बोलना दंडनीय अपराध घोषित होना चाहिए।’

बता दें कि नौकरी और बेरोजगारी के मुद्दे पर घिरने के बाद अब सरकार ने सभी विभागों से भर्ती शुरू करने का आदेश दिया है। पीएमओ द्वारा दी जानकारी के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार द्वारा अगले 1.5 वर्षों में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए।’ 10 लाख नौकरियां देने का टारगेट दिसंबर 2023 रखा गया है जबकि 2024 में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार के इस फैसले को लोग चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।