साल 2019 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) के बेटे आकाश विजयवर्गीय (Akash VijayVargiya) का नगर निगम के एक अधिकारी को बैट से पीटने का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि आकाश विजयवर्गीय बल्ले से अधिकारी को पीछे से पीटते हैं। इस मामले में आकाश विजयवर्गीय को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि अब इसमें नया मोड़ आ गया है।
‘किसने मारा मुझे पता नहीं चला’: अब आकाश विजयवर्गीय इंदौर नगर निगम रिमूवल निरीक्षक धीरेंद्र बायस अब अपने ही बयान से पलट गए हैं। कोर्ट में दिए अपने बयान में धीरेंद्र बायस ने कहा है कि “जब हम लोग गए तो विजयवर्गीय वहीं थे। इसके बाद भीड़ ने हमें घेर लिया और तभी पीछे से मेरे पैर पर किसी ने बल्ला मार दिया। मेरा ध्यान मेरे मोबाइल पर था इसलिए मुझे नहीं पता चला कि किसने मारा। बाद में मैंने देखा तो तीन चार लोग बल्ला लेकर खड़े थे।”
सोशल मीडिया पर लोगों ने दिया ऐसा रिएक्शन: अब सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। प्रकाश कुमार सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि इस अधिकारी को डराया धमकाया जा रहा होगा। भारत में यूंही न्याय व्यवस्था थोड़े ना बदनाम है। यहां कोई बहुत हिम्मत जुटाए तो लड़ तो सकता है पर पुलिस प्रशासन मिल कर आपकी जान ले लेंगे, अभी हाल में यूपी वाला मामला देखिए जिसमें एक मां को कोई मदद नहीं मिला और बेटी की लाश मिली अंततः।
सब्यसाची नाम के यूजर ने लिखा कि हम कट्टर भाजपाई हैं। लेकिन यह खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। कितना दबाव बनाया गया होगा उस ऑफिसर के ऊपर जो इतना पलटकर बयान देता है। लोकशाही के लिए ऐसी पद्धति बिल्कुल सही नहीं है। इस देश की सामान्य जन होने की वजह से बहुत दुख भी होता है और गुस्सा भी आता है सिस्टम पर। नेता मतलब कानून से ऊपर नहीं।
नवजोत सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि फिर बोलते है कि इंसाफ नहीं मिलता, अगर डर कर ही रहना है तो इंसाफ कैसे मिलेगा। थोड़ी तो रीड की हड्डी होनी चाहिए। मनु देव भारत नाम के यूजर ने लिखा कि आखिरकार नेता ही भगवान है, भारत में वह कुछ भी कर सकता है। अधिकारी को बैट से पीट सकता है और उस पर दवाब बना कर बयान पलटवा भी सकता है। मोदी जी आपकी पार्टी में भी गुंडे हावी हैं प्रशासन पर। अरुषा राठौर नाम के यूजर ने लिखा कि डर सबको लगता है।