Haryana DGP Viral Video: हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने शनिवार को कई असामान्य टिप्पणियां कीं, जिनमें एक कुख्यात व्यक्ति के व्यवहार को उसके वाहनों, खासकर थार एसयूवी और बुलेट मोटरसाइकिलों के चुनाव से जोड़ा गया। गुरुग्राम में पत्रकारों से बात करते हुए, सिंह ने कहा कि पुलिस हर वाहन को जांच के लिए नहीं रोक सकती, लेकिन थार या बुलेट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

हरियाणा डीजीपी ने क्या कुछ कहा?

उन्होंने कहा, “हम सभी वाहनों की जांच नहीं करते। अगर वह थार है, तो हम उसे कैसे जाने दे सकते हैं? या अगर वह बुलेट मोटरसाइकिल है… तो सभी कुख्यात तत्व ऐसी कारों और बाइकों का इस्तेमाल करते हैं। वाहन का चुनाव आपकी मानसिकता को दर्शाता है। थार चलाने वाले लोग सड़क पर स्टंट करते हैं।”

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक, जो दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बहनोई भी हैं, ने थार चालकों, खासकर युवाओं के व्यवहार के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आगे कहा, “थार सिर्फ एक कार नहीं है, यह एक मैसेज है जो बताता है, ‘मैं ऐसा ही हूँ’। यह चलन एक स्टेटस सिंबल बन गया है।”

सिंह ने एक सहायक पुलिस आयुक्त के बेटे से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया, जिसने थार से किसी को कुचल दिया था। उन्होंने कहा, “एक सहायक पुलिस आयुक्त के बेटे ने थार चलाते हुए किसी को कुचल दिया। वह अपने बेटे को रिहा करवाना चाहता है, और हमने उससे पूछा कि गाड़ी किसके नाम पर रजिस्टर्ड है। गाड़ी उसके नाम पर है, इसलिए वह बदमाश है।”

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अपने सहकर्मियों की ओर मुड़ते हुए उन्होंने कहा, “अगर हम पुलिसवालों की सूची बनाएं, तो कितने लोगों के पास थार होगी? और जिसके पास होगी, वह पागल ही होगा। लेकिन आप दोनों चीजें एक साथ नहीं कर सकते। आप गुंडागर्दी करके यह उम्मीद नहीं कर सकते कि पकड़े नहीं जाएंगे। अगर आप शो-ऑफ करते हैं, तो आपको उसके नतीजे भी भुगतने होंगे।”

ओपी सिंह का यह बयान तेजी से वायरल हुआ, जिससे सोशल मीडिया यूजर्स दो धड़ों में बंट गए। कुछ लोगों ने पुलिस आयुक्त के बयान का समर्थन किया, जबकि कुछ ने बहस को पुलिस की जिम्मेदारी और सड़क सुरक्षा की स्थिति की ओर मोड़ दिया।

एक यूजर ने कहा, “किसी न किसी वजह से ये अधिकारी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए हर नाजुक नस को छू रहे हैं। इससे पता चलता है कि पुलिस वालों को सब पता है। वो सब जो कानून का पालन करने वाले नागरिकों को परेशान करता है। अगर वो अपनी बात पर अमल कर पाएं, तो मैं उनका फैन हो जाऊंगा। डीजीपी साहब, शाबाश।”

एक और यूजर ने लिखा – “बहुत बढ़िया। थार और बुलेट गुंडों की पहचान बन गए हैं। दिन-रात पटाखों की आवाज से लोगों को परेशान करना, स्टंट करना उनकी रोजमर्रा की जिंदगी बन गई है। डीजीपी साहब का इन पर लगाम लगाने का फैसला काबिले तारीफ है।” वहीं, एक यूजर ने पूछा – “इन ख़राब सड़कों का क्या करें? गलत साइड से आने वाले ट्रकों का क्या करें?”

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एक और ने लिखा- “सर, बुलेट से कितनी आपराधिक गतिविधियां की गई हैं? चेन स्नैचिंग-हत्या-गोलीबारी?? मैंने कभी नहीं सुना कि बुलेट मोटरसाइकिल का इस्तेमाल ऐसी किसी आपराधिक गतिविधि में किया गया हो?”

बहरहाल, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक की यह टिप्पणी, जो थोड़ी फनी भी थी, थार से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं पर बढ़ती चिंताओं को दर्शाती प्रतीत हुई। पिछले महीने ही, एनएच के गुरुग्राम एग्जिट द्वार पर एक थार डिवाइडर से टकरा गई थी, जिसमें उसमें सवार छह लोगों में से पांच की मौत हो गई थी। बाद में पुलिस को सभी मृतकों के शरीर पर एक पब से रिस्टबैंड मिले, जिससे संकेत मिलता है कि वे शायद देर रात की किसी पार्टी से आए थे।