बिहार में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदल लिया है। भाजपा को छोड़कर अब नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए और तेजस्वी यादव के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। कभी नीतीश कुमार के सहयोगी रहे प्रशांत किशोर ने बताया कि आखिर नीतीश कुमार बीजेपी से अलग क्यों हुए? साथ ही उन्होंने तंज भी कसा है। 

नीतीश कुमार पर क्या बोले प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर ने आजतक से बात करते हुए कहा है कि ‘बिहार में जो भी कुछ हुआ है, उसमें मेरा कोई योगदान नहीं है और ना ही मेरी कोई भूमिका है। मैं इस पूरे घटनाक्रम को, 2012-13 से शुरू हुए राजनीतिक अस्थिरता के दौर का एक और अध्याय के तौर पर देखता हूं। पिछले दस सालों में यह छठी सरकार है। प्रशांत किशोर ने कहा कि NDA के साथ गठबंधन में नीतीश कुमार मुझे सहज नहीं दिखे, विपक्ष उन्हें प्रधानमंत्री का चेहरा बनाना चाहता है इसे जुड़ी कोई जानकारी मेरे पास नहीं है।’

‘तेजस्वी यादव ने दस लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया है’

प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘दस सालों में हुए राजनीतिक अस्थिरता में दो चीज समान है, पहला ये कि तब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं, दूसरा ये है कि बिहार की बदहाल स्थिति जस की तस बनी हुई है। बाकि जो गठबंधन है वो बदलते रहे हैं। जो भी सरकार बन रही है, उसे शुभकामना है, जनता के लिए अच्छा काम करें। प्रशांत ने कहा कि RJD के लोग शराबबंदी का विरोध कर रहे थे, तेजस्वी यादव ने दस लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया है, देखिए इस पर क्या काम होता है।’ 

क्या महागठबंधन को छोड़कर जाना नीतीश कुमार की गलती थी? इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘ये सब तय करना तो जनता का काम है। अगर गलत होता तो जीतते कैसे?’ प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘छठी बार नीतीश कुमार सीएम बनने जा रहे हैं लेकिन अंतर मुख्यमंत्री में नहीं है। सरकार के काम करने के तरीके में अंतर नहीं आया और ना ही जनता की स्थिति में कोई अंतर आया है।

बता दें कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के बाद आरोप लगाया था कि अमित शाह लगातार जेडीयू को तोड़ने का काम कर रहे हैं। अपने ही पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का आरोप भी लगाया था। बीजेपी और जदयू में तनाव की स्थिति बढ़ गई थी, कहा जा रहा है कि इसके बाद नीतीश कुमार ने अलग होने का फैसला किया।