सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने नागपुर में महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के खंड का उद्घाटन करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने कई विषयों पर पर अपनी राय रखी। नितिन गडकरी ने विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया की तारीफ करते हुए कहा कि ‘‘एक स्वतंत्र, तटस्थ और निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली एक मुक्त एवं निष्पक्ष लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है।

इतना ही नहीं, नितिन गडकरी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में कई प्रशासनिक सुधार किए गए हैं।’ केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘कैबिनेट बैठक के दौरान जब न्यायाधिकरणों और अन्य चीजों पर चर्चा होती है। हाल ही में ट्रिब्यूनल और अन्य विषयों पर चर्चा हुई, मैं अक्सर कानून मंत्री और प्रधानमंत्री से कहता हूं कि निर्णय जो भी हो, फैसले करने का अधिकार न्यायपालिका का है। यह किसी के प्रभाव में नहीं होना चाहिए’ लेकिन अगर सही समय पर फैसला हो तो इससे बहुत फायदा होगा।’

लोगों की प्रतिक्रियाएं: सुभाष चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप एक बार मोदी जी से कहिये वो संगठन का काम संभाल ले या पार्टी के मार्गदर्शक बन जाये और आप प्रधानमंत्री का पद संभाल लीजिये, इससे बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा।’ राजू सिंह चौहान ने लिखा कि ‘मतलब ऐसा होता है तभी तो आपको बोलना पड़ रहा है।

सिकंदर हुसैन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इसका मतलब प्रधान सेवक ओर कानून मंत्री का सीधा दखल है न्यायालय के फैसलो में, नितिन गडकरी जी आपकी बातों से तो यही साबित होता है।’ मुकेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इशारों-इशारों में बहुत बड़ा खुलासा है ये।’ विकास सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मतलब मोदी जी न्यायपालिका में भी अपना ही फैसला देते हैं। धन्य हो प्रभु।’

मोईन अली ने लिखा कि ‘वैसे गडकरी जी की बातों से आज सिद्ध हो गया, मोदी जी कानून को अपने प्रभाव में लेते हैं।’ अहमद शाकिब नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मतलब गडकरी जी भी मानते हैं कि गड़बड़ है।’ अनुराग अवस्थी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप प्रधानमंत्री बनने हेतु उतावले हैं, नूपुर शर्मा जी की सहायता कीजिए। ऐसे बयान सिर्फ भाजपा को कमज़ोर करेंगे।’

बता दें कि पिछले कुछ समय से न्यायपालिका पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह सरकार से प्रभावित होकर फैसले ले रही है। कुछ फैसलों पर विपक्ष ने सवाल भी उठाया है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान से इस आरोप को और हवा मिलती दिखाई दे रही है।