उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में सांप्रदायिक तनाव पर विवादित बयान देने वाले भाजपा सांसद विनय कटियार सबूत मांगने पर महिला पत्रकार से उलझ गए। सीएनएन न्यूज-18 की टीवी पत्रकार ने सांसद से उनके उस आरोप का सबूत मांगा था जिसमें उन्होंने झड़प में मारे गए 19 वर्षीय युवक की मृत्यु का आरोपी पाकिस्तानपरस्त लोगों को बताया था। रिपोर्टर ने सांसद के उस आरोप का भी सबूत मांगा जिसमें उन्होंने कहा था, वहां (कासंगज) के लोग अब सिर्फ पाकिस्तान के नारे और झंडे को स्वीकार करते हैं। जवाब में सांसद ने अपनी पूर्व की बात को फिर दोहराया और कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना एक फैशन बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां ‘भारत माता की जय’ बोली जाती है वहां कुछ अराजक लोग पाकिस्तान का झंडा लहरा रहे हैं। सांसद के इन बयानों पर पत्रकार ने उनसे सबूत दिखाने को कहा। इसपर वह उलझ गए।

सांसद और पत्रकार के बीच हुई बातचीच के कुछ अंश इस प्रकार हैं-
सवाल- क्या आप अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे?
जवाब-क्यों माफी मांगेंगे?
सवाल- क्योंकि आपने अभी भी सबूत नहीं दिया है अपने आरोपों का?
जवाब-हमारे पास सब सबूत हैं।
सवाल- जब डीएम और एसपी ग्राउंड पर बोल रहे हैं कि अभी तक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं?
जवाब- डीएम और एसपी क्या होता है?
सवाल- क्योंकि वही अधिकारी हैं, आप तो कासगंज गए भी नहीं हैं?
जवाब- मेरे पास सब सूचना है।
सवाल- जो सूचना आपने सार्वजनिक की है इसका सबूत क्या है आपके पास?
जवाब- मुझे जो जवाब देना था वो मैंने दे दिया। मेरे पास सभी सूचनाएं हैं। मेरे पास भी अपना एक चैनल रहता है।
सवाल- लेकिन आपने तो सार्वजनिक रूप से बयान दिया है लेकिन इसका सबूत अभी तक नहीं दिया? आपको कैसे पता कासगंज में क्या हुआ? अगर आपके सबूत हैं तो योगी आदित्य नाथ सरकार के पास जाएं, पुलिस के पास जाइए?
जवाब- आप सलाह देने वाली कौन हैं, हमें किसके पास जाना है? आप लड़ क्यों रही हैं?

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दरअसल न्यूज चैनल रिपब्लिक से भाजपा सांसद ने कहा था कि पाकिस्तानी समर्थकों ने चन्दन को मारा है। वहां कुछ पाकिस्तान शरारती तत्व हैं जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं और तिरंगे की उपेक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, ऐसे ही लोग का हाथ कासगंज हिंसा के पीछे हैं। भाजपा नेता ने आगे कहा था कि ‘सूबे में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व की भाजपा सरकार में यह ऐसी पहली घटना है। जो लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, यूपी सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।’ इस दौरान टीवी चैनल ने कासगंज तनाव से जुड़े अन्य सवाल पूछे तो सांसद ने जवाब नहीं दिया था।