महिला एवं बाल विकास मंत्री व अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर अक्सर ही तंज कसती नजर आती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान ईरानी से पूछा गया कि आप तो ‘अमेठी की दीदी’ बन गईं लेकिन वहां के भाई को वायनाड का ‘भाई जान’ बना दिया? इस सवाल पर स्मृति ईरानी ने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है।

न्यूज़ 18 इंडिया के कार्यक्रम ‘चौपाल’ में पहुंचीं स्मृति ईरानी ने कहा कि जहां पर पांच दशक तक एक खानदान का दबदबा हो वहां पर एक साधारण परिवार की महिला का आना और तख़्त पलट देना। ये हिम्मत नहीं करूंगी। इस बात को स्वीकारना कि मैंने अकेले अमेठी में जीत दर्ज की है तो यह गलत होगा। अमेठी और समाज आक्रोशित था जिसके बाद उसने यह निर्णय लिया।

ईरानी ने कहा कि स्मृति ईरानी के जरिए अमेठी बदलाव चाहता था। लोकतंत्र हर किसी को सुधार करने का मौका देता है। वह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह लोकतंत्र की गरिमा को पहचान पाता है या नहीं। उस व्यक्ति ने अमेठी पर इतना विश्वास नहीं रखा जिसके पीछे शायद या कारण था कि इस बात का एहसास पा चुके थे कि उन्होंने सत्ता तो हासिल की पर सेवा नहीं की। इसी कारण उन्होंने अपने लिए दूसरी सीट मुहैया की।

उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने एक बार मात खाई लेकिन मैंने अपने लोगों को छोड़ा नहीं, जिसके बाद अगले लोकसभा चुनाव में लोगों ने मुझे अमेठी की दीदी के रूप में स्वीकार किया। एंकर अमन चोपड़ा ने पूछा कि आपने तो उनका ( राहुल गांधी) करियर ही खत्म कर दिया? इस पर स्मृति ने जवाब दिया कि उनका कैरियर खत्म करने की ताजपोशी मुझ पर कर रहे हैं आप लेकिन इसकी लिस्ट बहुत लंबी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, ” जिंदगी में हार का सामना किसी ना किसी को कभी ना कभी करना ही पड़ता है लेकिन हर जवाब को गले लगाती है तब आपका क्या आचरण है। यह बहुत मायने रखता है। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा – मैंने 2014 में हार के बाद भी अमेठी नहीं छोड़ा था लेकिन वह जीत कर भी भाग गए थे। गौरतलब है कि स्मृति ईरानी ने 2014 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को मात देते हुए वहां जीत दर्ज की।