Neet ug paper leak: यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस से लेकर सपा के बड़े नेताओं ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पेपर लीक को लेकर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है। राहुल गांधी ने कहा, “पेपर लीक को नहीं रोक पा रहे नरेंद्र मोदी”। पीएम मोदी पेपर लीक नहीं रोक पाए, पेपर लीक हुआ है, पेपर लीक करने वाले दोषियों को सजा मिले।” राहुल गांधी ने कहा है कि ये मामला व्यापम का विस्तृत रूप है। शिक्षा के पदों पर बीजेपी ने कब्जा किया है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा “जंग रुकवा दी, पेपर लीक नहीं रुकवा पाए। पीएम का ध्यान अभी स्पीकर चुनाव पर है। राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में पेपर लीक खुलासे की जांच होनी चाहिए।”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह देश के खिलाफ किसी की बड़ी साजिश भी हो सकती है।सपा अध्यक्ष’एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “अब गड़बड़ी की ख़बर के बाद यूजसी-नेट की परीक्षा भी रद्द कर दी गई। भाजपा के राज में पेपर माफ़िया लगभग हर परीक्षा में धांधली कर रहा है। यह देश के ख़िलाफ़ किसी की बड़ी साजिश भी हो सकती है।’’

उन्होंने आगे कहा, ”पुलिस में भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होगा तो कानून-व्यवस्था नहीं सुधरेगी जिससे देश-प्रदेश में अशांति और अस्थिरता बनी रहेगी। नीट की परीक्षा में घपला होगा तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और देश के लोगों के इलाज के लिए भविष्य में डॉक्टरों की कमी और बढ़ जाएगी तथा बेईमान लोग, जनता के जीवन के लिए खतरा बन जाएंगे।” यादव ने यह भी कहा कि यूजीसी-नेट परीक्षा न होने से, शिक्षकों की कमी में और ज़्यादा इज़ाफ़ा होगा। शिक्षकों की कमी से देश के विकास में बाधा उत्पन्न होगी, जो कालांतर में बेहद घातक साबित होगी। उन्होंने आगे कहा, ”इन सबके कारण प्रशासन, स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी। यह हमारे देश के विरूद्ध कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे। इसीलिए अदालत की निगरानी में इसकी कठोर जांच हो और दोषियों को कठोरतम सज़ा दी जाए और कोई भी अपराधी छोड़ा न जाए, फिर वह कोई भी हो।”

“लीक और फ्रॉड” के बिना कोई परीक्षा नहीं करा सकती मोदी सरकार

कांग्रेस ने यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द किए जाने के बाद केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार “लीक और फ्रॉड” के बिना कोई परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि इस सरकार ने शिक्षा एवं भर्ती की पूरी व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक 2024 में कथित अनियमितताओं को लेकर उपजे विवाद के बीच, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश दिया और मामले को गहन जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया है।

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ये कैसी “परीक्षा पे चर्चा”, जहां रोज़ाना लीक होता पर्चा। मोदी सरकार ने देश की शिक्षा व भर्ती प्रणाली को तहस-नहस कर दिया है। नीट, यूजीसी-नेट, सीयूईटी में पेपर लीक, धांधली और घोर अनियमितताओं का अब पर्दाफ़ाश हो चुका है। बहुप्रचारित एनआरए (राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी) पूर्णतः निष्क्रिय है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़े जोर-शोर से एनआरए की घोषणा की थी। ज़बरदस्त ढिंढ़ोरा पीटकर उन्होंने बोला था – “एनआरए करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से यह कई परीक्षाओं को समाप्त कर देगा और कीमती समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत करेगा। इससे पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा।’’

खरगे के अनुसार, सरकारी नौकरियों के लिए मोदी सरकार ने दावा किया था कि एनआरए सभी नौकरियों के लिए एक ही भर्ती परीक्षा करवाएगी। उन्होंने दावा किया कि चार वर्ष बीत गए हैं, राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी ने अब तक एक भी परीक्षा नहीं करवाई। कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘‘तीन वर्षों के लिए एनआरए को 1,517.57 करोड़ का कोष मुहैया कराया गया। लेकिन दिसंबर 2022 तक केवल 20 करोड़ रुपये ही ख़र्च किये गए। जब-जब संसद में विपक्ष ने जवाब मांगा तो मोदी सरकार टाल-मटोल और बहानेबाज़ी करती गई। एनआरए को केवल निचले स्तर पर अभ्यर्थियों की छटनी करने के लिए एक एजेंसी मात्र बना दिया गया, जबकि उसको भर्ती परीक्षा की एकमात्र एजेंसी बनना था।’’

उन्होंने आगे दावा किया कि सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी के “परीक्षा पे चर्चा” के खर्च में छह वर्षों में 175 प्रतिशत का उछाल आया है। खरगे ने कहा, ‘‘जो सरकार बिना धांधली के एक देशव्यापी परीक्षा नहीं करा सकती, उसके मुखिया द्वारा छात्रों को “परीक्षा” पर ज्ञान की वर्षा करना, बेईमानी है। झूठे वादों से करोड़ों युवाओं को बेरोज़गारी के दलदल में धकेलकर, मोदी जी क़ैमरे की छाया में बीते दिन विश्वविद्यालय घूम रहे थे।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘पहली नौकरी पक्की”, “आरक्षण का अधिकार” व “पेपर लीक से मुक्ति” का हमारा एजेंडा हम कायम रखेंगे। युवाओं के अधिकारों के लिए सड़क से संसद तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’’

नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हर साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ का तमाशा

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी एक्स’ पर पोस्ट किया, “नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हर साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ नाम से एक भव्य तमाशा करते हैं मगर उनकी सरकार लीक और फ्रॉड के बिना कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती।’’ उन्होंने आगे कहा, “नीट-स्नातक 2024 परीक्षा को लेकर बेहद गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। शिक्षा मंत्री को भी इन्हें स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। एनटीए की ईमानदारी गंभीर संदेह के घेरे में है। ”

रमेश ने आगे कहा, “अब परसों (मंगलवार) ही आयोजित हुई यूजीसी-नेट परीक्षा को कल रात रद्द कर दिया गया। दरअसल “नॉन-बायोलॉजिकल” प्रधानमंत्री की सरकार ही भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए विनाशकारी रही है। ” उन्होंने आगे दावा किया कि 2020 की नई शिक्षा नीति, भारत की शिक्षा प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करने के बजाय केवल नागपुर शिक्षा नीति 2020 के रूप में कार्य करती है। कांग्रेस महासचिव ने तंज कसते हुए कहा, “यही, ‘एन्टायर पॉलीटिकल साइंस’ में एमए की विरासत है। क्या वह कभी ‘लीक पे चर्चा’ करेंगे?