नेशनल हैंडलूम डे के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली के दिल्ली हाट, आईएनए में ‘माई हैंडलूम माई प्राइड’ एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है। इस एग्जीबिशन में नरेंद्र मोदी सरकार की कई महिला मंत्री खरीदारी करने पहुंची थी। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, दर्शना जरदोष और अनुप्रिया पटेल भी साड़ियां खरीदती नजर आई। बीजेपी सांसद हेमा मालिनी भी नेशनल हैंडलूम डे से पहले इस एग्जीबिशन में साड़ियां खरीदने पहुंची थी।

इसी बात पर महिला मंत्रियों को ट्रोल किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि देश में रेप की कई घटनाएं हुई है उस पर ध्यान देने के बजाय खरीदारी करने में लगी हुई है। हाल में ही 9 वर्ष की लड़की के साथ दिल्ली में हुई रेप की घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग केंद्रीय महिला मंत्रियों से सवाल करते नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस नेत्री पंखुड़ी पाठक ने महिला केंद्रीय मंत्रियों पर हमला बोलते हुए लिखा कि महिला मंत्री इसलिए ही तो बनाई थी कि साड़ियां खरीद सकें और फ़ोटो खिंचवा सकें। बच्चियों का बलातकार , हत्या कोई इतना ज़रूरी मुद्दा थोड़ी ना है जिस पर यह समय बर्बाद करें। कांग्रेस नेत्री रुकमणी कुमारी ने लिखा की और उसी दिल्ली के दूसरे कोने में मासूम 9 वर्ष की दलित लड़की के घर नहीं जा सके।

कांग्रेस नेता अनिल चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आश्चर्य होता है कि कैसे एक सांसद मीनाक्षी लेखी महिला होने के बावजूद अपने संसदीय क्षेत्र में घटी घटना को नजरअंदाज कर दिल्ली हाट में शॉपिंग का लुत्फ उठा रही है। क्या एक सांसद की जिम्मेदारी नहीं बनती की उस गरीब दलित परिवार से मिलकर उनकी आवाज सुने जिन्होंने उनको मंत्री मंडल तक पहुँचाया।

एक टि्वटर यूजर ने इस खबर पर नाराजगी जताते हुए लिखा कि महिलाओं का नाम डुबोने के लिए बनायी गयीं महिला मंत्री। बच्चियों व महिलाओं के बलात्कार से इन्हें क्या मतलब,ये तो साड़ीयाँ खरीदेंगी और घूमेंगी-फिरेंगी।

प्रिंसी गुप्ता नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा के इन को क्या लेना देना है किसी बच्ची के रेप या मर्डर से, अगर महिला सांसदों में इतनी शर्म होती तो दिल्ली हाट के बजाय दिल्ली कैंट चली जाती। @143_pushpendra टि्वटर हैंडल से प्रतिक्रिया देते हुए लिखा गया कि दिल्ली में दिल्ली हाट चली जाएगी पर 9 साल की बच्ची का रेप हो जाता है तो उसके परिवार से मिलना तो दूर किसी के मुँह से आवाज तक नही निकली। ये है हमारे देश की नारियां।