आर्यन खान केस को लेकर विवादों में आए NCB के जोनल डायरेक्टर पर आज गाज गिर ही गई। उन्हें इस मामले की जांच से हटा दिया गया है। फिलहाल आर्यन मामले की विवेचना एजेंसी के अफसर संजय सिंह को दी गई है। SIT की कमान अब वो ही संभालेंगे। आर्यन मामले के अतिरिक्त संजय पांच उन मामलों को भी देखेंगे जो अभी तक समीर वानखेडे के पास थे।
NDTV की खबर के मुताबिक- आर्यन समेत छह मामलों को मुंबई से एनसीबी की दिल्ली ब्रांच को ट्रांसफर किया गया है। समीर वानखेड़े एनसीबी के मुंबई क्षेत्रीय निदेशक के तौर पर कार्य करते रहेंगे, लेकिन क्रूज मामले को एनसीबी की दिल्ली यूनिट के अधिकारी संजय सिंह देखेंगे। संजय 1996 के ओडिशा कैडर के IPS अफसर हैं। एनसीबी का कहना है कि किसी भी अधिकारी को उसकी मौजूदा पोस्ट से हटाया नहीं गया है।
उधर, समीर वानखेड़े का कहना है कि उन्हें उनके पद से नहीं हटाया गया है। उन्होंने खुद ही इन मामलों को किसी केंद्रीय एजेंसी जैसे एनआईए या फिर सीबीआई के सुपुर्द करने को कहा था। उनका कहना है कि बांबे हाईकोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हो रही है। इसमें उन्होंने ये ही बात कही थी कि मामलों को केंद्र की एजेंसी के सुपुर्द किया जाए। उसके आधार पर ही SIT का गठन कर एक सीनियर को कमान सौंपी गई है।
उधर, एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े को ड्रग्स केस की जांच से हटाए जाने पर कहा कि समीर वानखेड़े को आर्यन समेत 6 केस से हटा दिया गया है। लेकिन उनका कहना है कि इस मामले में 26 केसों की जांच होनी चाहिए। ये तो शुरुआत है। सिस्टम को साफ करने के लिए कई कदम उठाए जाने की जरूरत है।
आर्यन केस के गवाह प्रभाकर सैल ने समीर वानखेड़े पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। वह दूसरे गवाह किरण गोसावी का बॉडीगार्ड है। प्रभाकर का दावा है कि उसने ड्रग्स केस में मामला सुलटाने के लिए 25 करोड़ की डील की बात करते सुना था। 18 करोड़ पर डील फाइनल होनी थी। इसमें 8 करोड़ रुपये समीर वानखेडे को दिए जाने थे। किरण गोसावी पेशे से डिटेक्टिव है और ड्रग्स केस में एनसीबी का गवाह भी है।
प्रभाकर ने बताया कि क्रूज पार्टी रेड के वक्त वह गोसावी के साथ था। प्रभाकर का कहना है कि इस घटना के बाद से जब से किरण गोसावी रहस्यमय तरीके से गायब हो गया, तब से उसकी जान को खतरा है। प्रभाकर ने अपने हलफनामे में सैम डिसूजा नाम के एक शख्स का भी जिक्र किया। प्रभाकर के मुताबिक सैम डिसूजा से उसकी मुलाकात एनसीबी दफ्तर के बाहर ही हुई थी। उस वक्त वह केपी गोसावी से मिलने गया था। गोसावी सैम नाम के शख्स से फोन पर 18 करोड़ में डील फिक्स करने की बात कर रहा था।