मुलायम सिंह यादव के समधी व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के वरिष्ठ नेता हरिओम यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कई प्रकार की प्रतिक्रिया दी। उन्होंने यूपी तक चैनल से बात करते हुए यह भी बताया कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव के गठबंधन में इतनी देरी क्यों हुई। इसके साथ ही उन्होंने सपा नेता व मुलायम के छोटे भाई प्रो रामगोपाल यादव को लेकर भी कई बात कही।

हरिओम यादव ने बताया कि यह अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ही बता सकते हैं कि इस गठबंधन में कौन लोग रोड़ा बन रहे थे लेकिन जहां तक मैं समझता हूं, कुछ लोग नहीं चाहते थे कि इन दोनों पार्टियों का गठबंधन हो। उन्होंने रामगोपाल यादव को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि हम किसी व्यक्ति का विरोध नहीं करते थे, पार्टी के हित में जो लोग बात नहीं करते थे उनके खिलाफ में मुखर होकर आवाज उठाता था।

अखिलेश और शिवपाल के गठबंधन में फूट डालने की हो रही है कोशिश : इस सवाल पर हरिओम ने कहा कि यह बात शिवपाल यादव ने भी कही है। मैं यह बहुत अच्छी तरीके से समझ रहा हूं कि कुछ लोगों को यह गठबंधन रास नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ लोग सपा का भला नहीं चाहते थे इसलिए दोनों नेताओं के बीच में दूरियां बढ़ा दी थी।

अखिलेश यादव को मान लिया है नया ‘नेता जी’ – बोले शिवपाल यादव, पारिवारिक कलह पर मुलायम सिंह के भाई ने कही ये बात

समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए जाने के सवाल पर हरिओम ने कहा कि मुझे पांच छह महीने पहले ही पार्टी से निकाला गया है। सपा प्रमुख नहीं चाहते थे कि हमें पार्टी से निकाला जाए लेकिन प्रो रामगोपाल के कहने पर मुझे पार्टी से निकाला गया। इसके इसके साथ उन्होंने दावा किया कि अगर समाजवादी पार्टी हमारी बातों को ध्यान से नहीं सुनेगी तो फिरोजाबाद की पांचों सीटें वह हार जाएगी।

भाजपा के साथ जा सकते हैं : हमने हमेशा समाजवाद की सोच लेकर मुलायम सिंह यादव के साथ काम किया है। हम चाहते हैं कि अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बने लेकिन सपा हमारी बात नहीं मानेगी तो हम किसी भी पार्टी में जा सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि समाजवादी पार्टी ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया है। वहीं शिवपाल यादव ने कहा है कि हमने अखिलेश को नया ‘नेता जी‘ मान लिया है।