समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव व प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने यूपी चुनाव के पहले एक होने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बताया है कि दोनों ही पार्टियां यूपी विधानसभा चुनाव में मिलकर बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरेंगी हालांकि इस बात को लेकर जानकारी नहीं मिली है कि दोनों पार्टियां कितने सीटों पर एक दूसरे से समझौता कर रही हैं। इस बात को लेकर भी संशय है कि यादव परिवार से चुनावी मैदान में कौन – कौन अपनी किस्मत आजमाएगा।

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि वह चुनाव लड़ेगी या नहीं। अक्सर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करती नज़र आने वाली अपर्णा से एबीपी न्यूज़ के एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि अगर आपको बीजेपी से चुनाव लड़ने का ऑफर आता है तो आप क्या करेंगीं?

इस सवाल पर अपर्णा ने कहा था – किसी पार्टी से ऑफर आता है या नहीं, सबसे पहले तो तत्कालीन परिस्थिति में राजनीति होती है। आज की राजनीति पर बात की जानी चाहिए, कल किसने देखा है। बड़े-बड़े संत महर्षि कह गए हैं कि अगर हम अपना सुधार लेंगे तो कल अपने आप सुधर जाएगा। हम तो अपना आज बनाने में लगे हुए हैं। उनसे कहा गया फिर आप कह दीजिए कि आप मरते दम तक समाजवादी पार्टी में ही रहेंगी?

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अपर्णा ने हंसते हुए कहा था कि मैं समाजवादी पार्टी के साथ कदम से कदम मिलाकर हूं। उन्होंने कहा था कि मैं उस समय पीछे नहीं हुई जब मुझे कैंट विधानसभा जैसी सीट दी गई, जहां पर केवल बीजेपी और कांग्रेस का वर्चस्व था। मैंने उसके लिए भी मांग नहीं की थी। एंकर रुबिका लियाकत ने उनसे पूछा था कि क्या आप को बलि का बकरा बनाया गया था? इस पर अपर्णा ने जवाब दिया था कि अब जो कुछ भी हुआ, पार्टी की तरफ से जो कहा गया मैंने उसी तरह काम किया।

उन्होंने बताया था कि मुलायम सिंह यादव ने मुझसे कहा था कि चुनाव लड़ कर दिखाओ कि तुम क्या कर सकती हो। हमने वहां पर जीरो से टीम बनाई और समाजवादी पार्टी के लिए वोट इकट्ठा किए। उन्होंने कहा था कि मैं मुलायम सिंह यादव के साथ हमेशा खड़ी रहूंगी, जो कुछ भी फैसला वह हमारे लिए लेंगे। उस पर आगे बढ़ेंगी। जानकारी के लिए बता दें कि अपर्णा यादव ने बीजेपी नेता रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ लखनऊ के कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।