ब्रिटेन से पढ़ाई करके वापस लौटने के बाद अपर्णा यादव की शादी मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव से हुई थी। एक टीवी चैनल को कुछ महीनों पहले दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि सियासी परिवार की बहू बनने के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं।
उन्होंने बताया था कि बचपन से शादी होने के पहले तक उन्हें कभी किसी चीज के लिए रोका टोका नहीं गया था। यहां तक कि उन्होंने साड़ी पहनना भी नहीं सीखा था। लेकिन शादी के बाद उन्होंने इस पारंपरिक परिधान को पहनना सीखा था।
अपर्णा ने कहा था साड़ी पहनना सीखने के शुरुआती दिनों में तो घर की महिलाएं उनके तरीके को देखकर काफी हंसी ठिठोली भी करती थीं। कई बार उन्हें इसके लिए डांट भी पड़ी लेकिन जल्द ही वो इसमें पारंगत हो गईं।
महिलाओं का राजनीति में आना है मुश्किल, जब अपर्णा यादव ने कही थी यह बात
अपर्णा ने बताया था कि राजनीतिक परिवार में ब्याहकर आने का फायदा यह होता है कि आप हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहते हैं। इनमें बड़े बुजुर्ग भी शामिल होते हैं, जिनसे जीवन के बारे में काफी कुछ सीखने को मिलता है। वहीं नुकसान यह होता है कि गलती होने पर आपको डांटने और खिंचाई करने वालों की भी कमी नहीं होती है। कई बार आप अफवाह का शिकार भी हो जाते हैं। यह सब परेशानी भरा होता है।
स्वास्थ्य सुधारने का मतलब ब्यूटी पार्लर जाना नहीं होता, महिलाओं के लिए अपर्णा यादव ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव अब सिर पर आ चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में अपर्णा लखनऊ की कैंट सीट से चुनाव प्रत्याशी थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।