उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर लंबे वक्त से कयास लगाए जा रहे थे कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव के बीच दूरियां कम हो सकती हैं। इसी बीच अखिलेश ने शिवपाल यादव के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए जानकारी दी कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।

इसके साथ उन्होंने यह भी लिखा कि क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को इतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। अखिलेश और शिवपाल की इस तस्वीर ने यूपी की सियासी चर्चा तेज कर दी है। ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ यूजर्स का कहना है कि सपा जीत की ओर बढ़ रही है और वही कुछ यूजर्स कमेंट कर रहे कि इससे कोई फायदा होने वाला नहीं क्योंकि बहुत देर हो गई है।

उमाशंकर सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा – चाचा को एक सीढ़ी ऊपर रखकर भतीजे ने दिया सम्मान। पत्रकार रुबिका लियाकत लिखती है कि गठबंधन हो गया विलय नहीं। मेरा सवाल है कि परिवार एक तो पार्टी दो क्यों? गौरव सिंह सिंगर नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि 5 साल से भाजपा के साथ बंद बंद खेल रहे, शिवपाल यादव के इस पैतरे पर, विश्व की सबसे बड़ी पार्टी अब क्या करेगी यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।

शिवपाल यादव से मिले अखिलेश यादव, चाचा-भतीजे की 45 मिनट लंबी मुलाकात के बाद गठबंधन पर बनी बात

प्राची पराशर नाम की ट्विटर यूजर लिखती है की सत्ता थी तो चाचा चुभते थे, सत्ता चाहिए तो चाचा चमत्कारी लगने लगे। खैर देर आए दुरुस्त आए। बुआ बबुआ की विफलता के बाद अब चाचा भतीजा की परीक्षा परिणाम का इंतजार रहेगा। मृत्युंजय कुमार नाम के ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया कि पीछे विशालकाय महल देख कर पता चलता है कि यह कितने समाजवादी हैं।

अनुराग तिवारी नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि एक बात तो है योगी जी के डर ने आपको चाचाजान से मुलाकात करने के लिए बाध्य कर दिया। यह तो चुनाव का रिजल्ट बताएगा कि इस मुलाकात से समाजवादी पार्टी को क्या हासिल हुआ। जरीन अंसारी ने लिखा कि अपने तो अपने होते हैं। अच्छी बात यह है कि अखिलेश जी खुद चाचा जी के घर उनसे मिलने पहुंचे। गौरतलब है कि 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों नेताओं के बीच अनबन हो गई थी। उसके कुछ दिन बाद ही शिवपाल यादव ने अपनी नई पार्टी बना ली थी।