एक तरफ जहां सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के तमाम दावे कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर जिम्मेदार लोग सरकार के प्रयास और दावे की हवा निकाल रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सामने आया है जहां एक शिक्षक ने बच्चों में बांटने के लिए भेजी गईं किताबों को ही बेच दिया।
टीचर ने किताबों को बेचा
यूपी के मिर्जापुर के एक गांव में सरकारी स्कूल के टीचर ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 की किताबों को ही कबाड़ी बुलाकर बेच दिया। कबाड़ी वाला जब नई-नई किताबों को लेकर जा रहा था तो ग्रामीणों की उस पर नजर पड़ी। ग्रामीणों ने जब शख्स को रोककर पूछताछ की तो पता चला कि ये किताबें तो नई हैं।
नई किताबों को कबाड़ी के हाथ देख भड़के लोग
कबाड़ी वाले शख्स से जब ग्रामीणों ने पूछा तो पता चला कि खुद मास्टरजी ने ही इन किताबें को बेच दी है। किताबों पर ‘सर्व शिक्षा अभियान, सब पढ़ें सब बढ़ें, मुफ्त वितरण हेतु शैक्षणिक वर्ष 2023-23’ देखकर गांववाले भड़क गये। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल टीचर किताबों को बेचकर पैसा ले लिया था और कबाड़ी वाले ने किताब को एक दुकानदार को बेचा था।
ग्रामीणों ने एक एकत्रित होकर दुकानदार के पास से किताबों को उठा लिए। वहीं जब स्कूल के अध्यापक से इसके बारे में ग्रामीणों ने पूछा तो उसने पहले किताब बेचने की बात से इंकार कर दिया और बाद में ग्रामीणों पर ही आरोप लगा दिया कि ये किताबें आप लोग ही कहीं से लाए होंगे। हालांकि वीडियो और तस्वीर वायरल होने के बाद अब यह मामला विवादों में आ गया है।
इस मामले को लेकर जब मिर्जापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि नोटिस जारी कर दी गई है। अध्यापकों से जवाब मांगा गया है। जवाब के अनुसार ही आगे की करवाई की जाएगी। वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि इस तरह कि हरकतों पर रोक लगाईं जा सके।