PFI पर चल रही कार्रवाई के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय ने PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर 5 साल के लिए पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी UAPA कानून के तहत लगाई गई है। पिछले कई दिनों से PFI से जुड़े लोगों पर NIA छापेमारी कर रही थी। इस छापेमारी में 7 राज्यों से 270 PFI के मेंबर को हिरासत में लिया गया। अब PFI पर बैन का ऐलान हुआ तो सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

केशव प्रसाद मौर्य ने किया ट्वीट

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया, “भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा PFI पर प्रतिबंध का स्वागत करता हूं, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का पर्याय एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए PFI खतरा बन चुका था, यह फ़ैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाला है!” भाजपा के तमाम नेताओं ने PFI पर लगे बैन पर खुशियां जाहिर की है तो वहीं यूजर भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

असम सीएम ने भी जाहिर की ख़ुशी

वहीं असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा है कि मैं भारत सरकार द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी ताकतों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी युग का भारत निर्णायक और साहसिक है। केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने लिखा,” बाय बाय, PFI”

लोगों की प्रतिक्रियाएं

@skattri12 यूजर ने लिखा कि बहुत अच्छी खबर है लेकिन स्थाई बैन लगाया जाना चाहिए था। @yogambar_singh यूजर ने लिखा कि सिर्फ पांच साल के लिए, मतलब अगले चुनाव तक ही प्रतिबंध क्यों? @mahesh7065 यूजर ने लिखा कि आरएसएस पर भी तुरंत बैन लगाया जाना चाहिए। ये संगठन भी देश में अराजकता फैला रहा है। @NitinDThorat1 यूजर ने लिखा कि आरएसएस को भी बैन कर दो, फिर देश में चौतरफा शांति हो जायेगी!

@Gauravmtweet यूजर ने लिखा कि 5 वर्ष के बैन में PFI रूपी नाग का जहर समाप्त हो जाएगा? SIMI पर बैन लगाया तो वो इंडियन मुजाहिद्दीन के रूप में आ गया, इंडियन मुजाहिद्दीन पर बन लगाया तो वो PFI के रूप में जन्म लेकर आ गया। पांच साल के लिए बैन लगाने से अच्छा होता कि इसके फन को कुचलकर इसे हमेशा के समाप्त कर दिया जाता। @DhananjayPCC यूजर ने लिखा कि जब PFI को सरकार गलत मानती है तो मात्र 5 साल के लिये बैन क्यों? हमेशा से लिये प्रतिबंधित क्यो नहीं किया?

बता दें कि PFI के साथ ही सरकार ने रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन(केरल) जूनियर फ्रंट पर भी बैन लगाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, PFI के काडर आतंकी और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उनके ISIS जैसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं और एक समुदाय को कट्टर बनाने का गुप्त एजेंडा चला रहे थे।