Atul Subhash Suicide Case: उत्तर प्रदेश के 34 साल व्यक्ति द्वारा बेंगलुरु में अपने घर पर छत से लटककर आत्महत्या करने के एक दिन बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर #MenToo ट्रेंड करने लगा। नेटिज़ेंस ने अतुल सुभाष की मौत के लिए “सिस्टम” को दोषी ठहराया है, जो बेंगलुरु में एक निजी फर्म में काम करता था। सोशल मीडिया यूजर्स उसके लिए न्याय की मांग कर रहा है।

24 पन्नों का सुसाइड नोट भी छोड़ा

दरअसल, मूल रूप से यूपी के रहने वाले सुभाष ने ये कदम उठाने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया और अपनी पत्नी व उसके रिश्तेदारों द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 24 पन्नों का डेथ सुसाइड भी छोड़ा है।

पूरे मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि सुभाष अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक कलह (Marital Dispute) का सामना कर रहे थे। पत्नी ने उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पुलिस के अनुसार, सुभाष ने आत्महत्या से पहले अपने घर में एक तख्ती टांगी थी जिस पर लिखा था “न्याय मिलना चाहिए”।

घटना के प्रकाश में आने के बाद सैंकड़ों नेटिज़न्स ने सुभाष के लिए न्याय की मांग करते हुए #MenToo और #JusticeForAtulSubhash हैशटैग के साथ एक्स पर पोस्ट किया।

कानून मंत्रालय ने पूरे मामले में लिया संज्ञान

गौरतलब हैं कि कानून मंत्रालय ने भी इस घटना के बाद फैमिली कोर्ट पर टिप्पणी की है। मंत्रालय ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “फैमिली कोर्ट परिवारों के भीतर विवादों को सुलझाने के लिए एक डेडिकेटेड प्लैटफॉर्म हैं, जो ये सुनिश्चित करते हैं कि शादी, चाइल्ड कस्टडी और विरासत से संबंधित मुद्दों को सावधानी, संवेदनशीलता के साथ और पारंपरिक औपचारिक अदालती शैली के बिना निपटाया जाए।”

पोस्ट में ये भी कहा गया है कि फैमिली कोर्ट “समय पर और निष्पक्ष समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं, साथ ही परिवारों के भीतर संबंधों को बहाल करने में मदद करने के लिए सुलह को बढ़ावा देते हैं”। पढ़ें पूरी खबर…

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