बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने बयानों और चुटकुलों के जरिए अक्सर ही सुर्खियों में रहते थे। चुनावी सभा के दौरान दिए गए उनके भाषण जमकर वायरल होते रहते थे। लालू प्रसाद यादव अपने विपक्षियों पर हंसी मजाक के अंदाज़ में तंज कसते नजर आते थे। खराब स्वास्थ्य के कारण लालू के ऐसे बयान सुनने को नहीं मिल रहे हैं। हालांकि ट्विटर के माध्यम से अपनी बातें वह लोगों तक पहुंचाते रहते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के लिए कहा था कि वह कभी सोनिया गांधी जैसे नहीं बन सकते।
लालू प्रसाद यादव नरेंद्र मोदी की नीतियों पर भी जमकर हमला बोलते रहते थे। आजतक न्यूज़ चैनल के एक कार्यक्रम के दौरान एंकर के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि मोदी जी की एक उपलब्धि यह है कि उन्होंने मंत्रियों के निगरानी के लिए आरएसएस को बैठा रखा है। उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी की सरकार त्रिमूर्ति की सरकार है।
एंकर ने उनके जवाब पर सवाल पूछा था कि आपकी भी सरकार थी तो उस समय सोनिया गांधी के हाथ में रिमोट कंट्रोल था? एंकर के सवाल पर लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि सोनिया गांधी का कोई मुकाबला करेगा..। एंकर ने उनको टोकते हुए पूछा था कि उन्होंने चुनाव जीता है। इसपर लालू ने कहा था कि जीतना – हारना अलग बात होती है, सोनिया गांधी जैसे वह कभी नहीं बन पाएंगे। इसी दौरान एंकर ने बिहार को लेकर सवाल पूछना शुरु कर दिया।
जिस पर उन्होंने भड़कते हुए कहा था कि इसके लिए दूसरी दुकान लगाओ। लालू प्रसाद यादव ने नरेंद्र मोदी पर एक बार आरोप लगाते हुए कहा था कि, ‘ हमारे देश के जैसा इस दुनिया में कोई देश नहीं है। अभी देश के सामने में अजेंडा संप्रदायिकता है। ऐसे कट्टरपंथी आदमी को ठोक – ठोक कर बड़े – बड़े कारपोरेट हाउस और अंतरराष्ट्रीय शक्तियां प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश कर रही हैं।’
उन्होंने एक बार अपने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि मोदी कहते हैं मेरा क्या? झोला उठाकर चल दूंगा। लेकिन यह नहीं बताया कि इस अदृश्य झोले में अंबानी, अडानी के अलावा और कौन-कौन से झोल – झमेले भरे हुए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी अक्सर अपने कुर्ते के पॉकेट पर बीजेपी का चुनाव चिन्ह लगाकर भाषण देते हुए दिखाई देते हैं। इस पर भी लालू प्रसाद यादव ने तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि देश में ऐसा पीएम नहीं देखा जो सीने पर अपनी पार्टी का चिन्ह चिपका धर्म और जाति की बात कर देशवासियों की भावनाएं भड़काने का काम करता हो।