लालू प्रसाद यादव के परिवार में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। कई दिनों से उनके परिवार में सियासी भूचाल मचा हुआ है। तेज प्रताप यादव अपनी ही पार्टी के नेताओं से खुश नहीं दिख रहे हैं। उनके तेवर के जरिए यह देखा जा सकता है कि वह सुलह करने के पक्ष में नहीं है। तेज प्रताप यादव अपनी पोस्ट के जरिए अपनी बातें कह रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अक्सर अपने आप को कृष्ण बताते हैं वहीं अपने भाई को अर्जुन बताते रहते हैं। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट से रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता ‘कृष्ण की चेतावनी’ पोस्ट की है। ऐसे ही एक वाकया है जब एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव को अर्जुन बताते हुए कहा था कि विधानसभा चुनाव 2020 में मुख्यमंत्री पद के दावेदार हमारे भाई तेजस्वी हैं। उनको ही गद्दी पर बैठाने की तमन्ना है।
बीबीसी न्यूज़ हिंदी को दिए गए एक इंटरव्यू में तेज प्रताप यादव ने कहा था कि किंग मेकर की भूमिका हमको ज्यादा अच्छी लगती है। जैसे मेरे पिताजी किंग मेकर थे। राजनीति के अलावा किन चीजों में दिलचस्पी है इस सवाल का जवाब देते हुए तेज प्रताप यादव ने बताया था कि अध्यात्म में मेरी रुचि ज्यादा रहती है। उन्होंने बताया था कि मुझे ऐतिहासिक जगहों का भ्रमण करना पसंद है।
जब उनसे इंटरव्यू में पूछा गया था कि आरजेडी यादवों की पार्टी है? इसका जवाब देते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा था कि यह सिर्फ यादवों की नहीं बल्कि सब की पार्टी है। आपके लिए जाति कितनी मायने रखती है? इस पर अपना विचार रखते हुए कहा था कि तेज प्रताप यादव ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि जाति शब्द को राजनीति से हटा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जाति से कुछ भी होना जाना नहीं है।
बता दें कि शनिवार की शाम तेज प्रताप यादव ने अपने ही पार्टी के नेता संजय यादव पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मेरी जान को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा था कि संजय यादव ने ही मेरे बॉडीगार्ड का मोबाइल नंबर बंद कराया है।