नीतीश कुमार सरकार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया की सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाली किताब बताया। चंद्रशेखर के बयान पर कवि कुमार विश्वास के साथ आम सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह की प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं।

नीतीश कुमार के मंत्री ने दिया ऐसा बयान

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी को पटना के नालंदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए एक चौपाई सुनाई। जिसका अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा, “रामचरितमानस, मनुस्मृति और गोलवलकर की किताब समाज को बांटने वाली और नफरत फैलाने वाली है, रामचरितमानस, समाज को बांटने का काम किया है।”

कुमार विश्वास ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

कवि कुमार विश्वास ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा कि आदरणीय नीतीश जी, भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षा मंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है। आपका मेरे मन में अतीव है इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं। इन्हें ‘ अपने अपने राम’ सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो।

बीजेपी ने बोला हमला

बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया, “बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने राम जन्मभूमि को नफरत की जमीन बताया था। यह संयोग नहीं है। यह वोट बैंक का उद्योग है, हिंदू आस्था पर चोट करो ताकि मिले वोट… सिमी और पीएफआई की पैरवी, हिंदू आस्था पर चोट। क्या कार्रवाई होगी?”

लोगों की प्रतिक्रियाएं

पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने लिखा कि संगत का असर दिखने लगा है बिहार सरकार के मंत्री पर। रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ, जिस राज्य का शिक्षा मंत्री इतना शिक्षित अज्ञानी हो उस राज्य का भगवान ही मालिक है। पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने कमेंट किया, ” इतनी हिम्मत आती कहां से है कि हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस का अपमान करें? नीतीश कुमार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर आप अपना एजेंडा चलाने के लिए पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को अपमानित नहीं कर सकते।