केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महा आर्यमन सिंधिया ने पॉलिटिक्स की पिच पर एंट्री मार दी है। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके सिंधिया के बेटे को भी ग्वालियर क्रिकेट डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) का उपाध्यक्ष बनाया गया है। सिंधिया के बेटे को GDCA का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग परिवारवाद को लेकर सवाल पूछ रहे हैं।

पवन नाम के एक टि्वटर हैंडल से बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा गया कि प्रधानमंत्री, भाजपा की परिवारवाद की राजनीति आपको नहीं दिखती है। पिता के साथ पुत्र का विकास। महाआर्यमन सिंधिया की योग्यता इतनी है कि उनके पिता भाजपा के केंद्रीय मंत्री हैं। सरबजीत सिंह ने कमेंट किया कि अमित शाह का बेटा बीसीसीआई का सचिव बन गया और सिंधिया के बेटे को ग्वालियर क्रिकेट संघ का उपाध्यक्ष बना दिया गया। भक्त बेचारे कश्मीर फाइल्स का पोस्टर चिपकाते रहे।

नरेंद्र नाम के एक युवक कमेंट करते हैं किसान का बेटा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव है और सिंधिया के बेटे ग्वालियर क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। नेताओं के बच्चे विदेशों में पड़ेंगे और उच्च पदों पर जाएंगे। हम सब 5 किलो अनाज से खुश और हमारे बच्चे जय श्रीराम के नारे लगाकर हुड़दंग करेंगे। रूबी सिंह लिखती हैं, ‘ महापरिवारवाद के तहत सिंधिया को ग्वालियर क्रिकेट एसोसिएशन का उपाध्यक्ष चुने जाने की बधाई।’

सूरज सिंह कमेंट करते हैं कि बीजेपी नेताओं के बच्चे में मौज करेंगे और बीजेपी के कार्यकर्ता मूवी के पोस्टर लगाने में व्यस्त हैं। संदीप नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया – खबरदार अगर किसी ने भी परिवारवाद वाला सवाल किया तो।’ निखिल सिंह ने पूछा कि ये परिवारवाद में गिना जाएगा या नहीं? दिलीप कुमार ने लिखा – प्रधानमंत्री तो कहते हैं कि बीजेपी में परिवारवाद नहीं है। इतना झूठ भी सही नहीं है।

जानकारी के लिए बता दें कि हाल में ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूरे परिवार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर तस्वीर शेयर की थी। जिसको लेकर भी उन्हें सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया गया था। गौरतलब है कि महा आर्यमन सिंधिया पिछले दोस्त लोकसभा चुनावों में अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रचार करते भी नजर आ चुके हैं। इसके साथ ही उन्हें हाल में ही ग्वालियर के कई राजनीतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते हुए देखा गया है।