कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्वजों पर सवाल उठाया तो केंद्रीय मंत्री भड़क गए। उन्होंने कांग्रेस नेत्री को इतिहास पढ़ने की सलाह दे डाली। सोशल मीडिया पर इन दोनों के बीच हुई तू-तू मैं-मैं पर कुछ लोगों ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए तो वहीं कुछ यूजर्स ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेत्री को दिया ऐसा जवाब
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा, “सुप्रिया श्रीनेत जी, कविताएँ कम और इतिहास ज़्यादा पढ़ें। सिंधिया परिवार के योगदान के बारे में 1857 के महान क्रांतिकारी तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे ने अपनी किताब “Operation Red Lotus” में विस्तार से लिखा है, एक बार पढ़ने का कष्ट करें।”
सोशल मीडिया यूज़र्स ने किये ऐसे कमेंट्स
@SamiratmajM नाम के एक यूजर ने लिखा,”इतिहास की बात अपनी जगह है लेकिन अब आपकी निष्ठा जहां है, वहाँ आपके परिवार को सच्चा राष्ट्रवादी और आप पर सवाल उठाने वालों को राष्ट्रद्रोही बना देना उनके ‘बाएँ हाथ का खेल’ है।” @sourabhmba810 नाम के यूजर ने सिंधिया के ट्ववीट पर लिखा- भाई साब इन मैडम को जवाब ही क्यों देना,जवाब दे कर इनकी वैल्यू न बढ़ाये। ख़ुद का भविष्य और भूतकाल पता नहीं है,और दूसरे के पूर्वज जानने की ख्वाहिश है। @Vishleshak_1 नाम के एक यूजर ने लिखा- सुप्रिया जी, मालवा में सिंधिया परिवार पूजनीय है। आप ज्योतिरादित्य जी द्वारा सुझायी गई पुस्तक अवश्य पढ़े।
@NiralaChandan1 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- मंत्री जी, वैसे तो यहाँ आपका नाम कहीं नही लिखा गया है फिर आपको मिर्ची क्यों लगी? ये तो वही बात हो गयी कि “चोर की दाढ़ी में तिनका”। @lalitjain1958 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- असभ्य प्राणी को सभ्य तरीके से जवाब। मंत्री महोदय, इस को जवाब देने का कोई फायदा नही है क्योंकि इन लोगों ने मानना नहीं है। प्रधानमंत्री की तरह आप काम करते जाऐ और इन लोगों को नजरअंदाज करें। 2019 लोकसभा चुनाव में राफेल को मुद्दा बनाया नतीजा जबरदस्त हार। इस बार अदाणी मुद्दा फिर हार।
जानिए पूरा मामला
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 फरवरी को मराठा साम्राज्य के शासक महादजी सिंधिया को याद करते हुए लिखा था, “आज के दिन 1771 में, दिल्ली जीतकर हिंदुस्तान की अखण्डता की रक्षा करने के लिए, मेरे पूर्वज और प्रेरणास्त्रोत, “the great Maratha” कहे जाने वाले, पाटिलबुवा महाराजा महादजी सिंधिया को इतिहास में दूरदर्शी राजनेता का सम्मान दिया गया। उनके महान शौर्य और बलिदान को कोटि कोटि नमन।” इसी ट्वीट पर सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल किया था कि 1857 की क्रांति में पूर्वज कहां थे?