एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि बीजेपी के मन में सीएम पद की लालसा नहीं है। जिस पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल किया कि भोर में ही किसी और के साथ क्यों शपथ ले ली थी? कांग्रेस द्वारा किए गए सवाल पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कई तरह के जवाब दिए।

जेपी नड्डा ने कही यह बात : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लिखा कि एकनाथ शिंदे जी और देवेंद्र फडणवीस जी को बधाई। आज ये सिद्ध हो गया कि भाजपा के मन में कभी मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं थी। 2019 के चुनाव में स्पष्ट जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और देवेंद्र फडणवीस जी को मिला था। उद्धव ठाकरे ने सीएम पद के लालच में हमारा साथ छोड़कर विपक्ष के साथ सरकार बनाई थी।

सुप्रिया श्रीनेत ने पूछा ऐसा सवाल : कांग्रेस नेत्री ने जेपी नड्डा के ट्वीट पर सवाल किया कि अच्छा, अगर जनादेश आपके पक्ष में था तो 3 नवंबर 2019 के भोर सवेरे किसी और के साथ शपथ क्यों ले ली थी पर देवेंद्र फडणवीस जी ने? जनता को मूर्ख समझ ना तो बंद कर दीजिए। इन दोनों नेताओं के द्वारा किए गए ट्वीट पर आम सोशल मीडिया यूजर्स भी कई तरह के लिए रिएक्शन देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

यूजर्स के रिएक्शन : एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि कुछ दिन पहले तो आप कह रही थी कि नड्डा कौन हैं? आज पता चला कि नड्डा जी कौन हैं। महादेव नाम के एक यूजर ने कांग्रेस नेत्री के बयान पर चुटकी लेते हुए लिखा कि जनता हो रही है, आपको छोड़कर जनता बहुत समझदार है। रविकांत नाम के एक यूजर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कमेंट किया – बीजेपी वाले तो अपने हर फैसले को मास्टर स्ट्रोक ही बताने लगते हैं।

Also Read
Eknath Shinde Oath Ceremony: एकनाथ शिंदे बने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ; फडणवीस बने डिप्टी सीएम
https://www.jansatta.com/rajya/eknath-shinde-become-new-cm-of-maharashtra-and-fadanvis-takes-charge-of-deputy-cm/2250556/

देवेंद्र फडणवीस ने ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ : 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद से शिवसेना और बीजेपी के बीच पद को लेकर गहमागहमी चल रही थी। इसी बीच अचानक देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। उसके 3 दिन बाद ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और चौथे दिन फिर एक बार शपथ ग्रहण कर लिया था। उस दौरान भी महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा हाई था।