Hilarious replies on ISRO’s question over Chandrayaan-2: अंतरिक्ष में भारत की कामयाबी की नई इमारत लिखने वाले चंद्रयान-2 ने अपने पूर्ववर्ती चंद्रयान-1 द्वारा स्थापित किए मील के पत्थर को पार कर लिया है। इसरो (Indian Space Research Organization) ने आधिकारिक रूप से इसका ऐलान कर दिया है। सोमवार (2 सितंबर) को विक्रम लैंडर (Vikram Lander) सफलतापूर्वक यान से अलग हो गया है। इस सफलता से उत्साहित इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल (Official Twitter Handle) पर लोगों से पूछा था, ‘चंद्रयान-2 को चांद पर क्या मिलेगा?’ इसके जवाब में लोगों ने जमकर कमेंट्स किए।
वायरल हुआ इसरो का सवालः सोशल मीडिया पर यह सवाल वायरल हो गया है। कुछ लोगों ने सवाल का गंभीरता से जवाब दिया, वहीं कुछ लोगों ने इसे मजाक में लिया। इसके बाद इस पर मीम्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई। आदित्य शंकर नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा हो सकता है यह भारत की ‘गुम हो गई अर्थव्यवस्था’ को ढूंढ लाए। वहीं एक शख्स ने लिखा शायद इसे ‘मोदी जी की डिग्री’ मिल जाए।

ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ लैंडर सफलतापूर्वक हुई अलगः इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ लैंडर को सफलतापूर्वक अलग कर दिया जो सात सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया अपराह्न 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और एक बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ अलग हो गया।
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आगे क्या होगा? इसरो के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘जी हां, यह सफलतापूर्वक अलग हो गया।’ लैंडर अब सात सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में रात एक बजकर 55 मिनट पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा।
इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है। यदि सबकुछ ठीक रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष इतिहास में भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।