Mandi Nurse Viral Video: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का एक वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में एक नर्स बहादुरी की मिसाल पेश करते दिख रही है। सोशल मीडिया पर उसका जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वह एक बीमार बच्चे तक पहुंचने के लिए उफनती धारा को पार करती दिख रही है। घटना सुधार पंचायत के चौहारघाटी की है। वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद नर्स की अदम्य हिम्मत की लोगों ने तारीफ की है। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में फ्रंट लाइन वर्कर्स के सामने आने वाले खतरों को लेकर चिंता भी जताई है।
नाले को छलांग लगाकर पार करती दिखी
वीडियो में टिक्कर गांव की रहने वाली स्टाफ नर्स कमला, उफनते गढ़ नाले को छलांग लगाकर पार करती हुई दिखाई दे रही हैं, और डूबे हुए पत्थरों पर सावधानी से बैलेंस बनाते हुए आगे बढ़ती दिख रही हैं। नाला पूरे उफान पर था और पानी इतनी तेजी से बह रहा था कि रास्ते में आने वाले किसी भी व्यक्ति को बहा ले जा सकता था।
इस घटना के बारे में बात करते हुए, कमला ने नेटवर्क 18 को बताया कि वह सुधार पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) जा रही थीं, तभी उन्हें एक दो महीने के बच्चे को जीवन रक्षक इंजेक्शन लगाने के लिए एक जरूरी फोन आया। लगातार भारी बारिश के कारण इलाके के पैदल पुल बह जाने के कारण, अपने ड्यूटी स्टेशन तक पहुंचना उनके लिए रोजमर्रा की लड़ाई बन गई है, जिसके लिए उन्हें अक्सर लगभग चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
यहां देखें वायरल वीडियो –
हालांकि, आसन्न खतरे के बावजूद, कमला ने खतरनाक रूप से उफनते नाले को पार किया, बच्चे को जरूरी इंजेक्शन लगाया और फिर स्वास्थ्य केंद्र की ओर अपनी यात्रा शुरू की। गौरतलब है कि हाल ही में, सेराज में, एक पुरुष और एक महिला इसी तरह की धारा पार करते समय बह गए, हालांकि बाद में उन्हें बचा लिया गया। एक अन्य घटना में, एक व्यक्ति की पानी के तेज बहाव में जान चली गई थी।
बता दें कि पद्धर उपमंडल के अंतर्गत चौहार घाटी मंडी के सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। भारी बारिश ने बहुत ज्यादा तबाही मचाई है। सिल्हबुधानी और तरसवान पंचायतों में सड़कें और पैदल पुल बह गए हैं, जिससे निवासियों और आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के पास आने-जाने के लिए कोई सुरक्षित रास्ता नहीं बचा है।
बुनियादी ढांचे की कमी पर सवाल उठाए
इस बीच कमला की बहादुरी ने जहां ऑनलाइन तारीफ बटोरी है, वहीं वायरल वीडियो ने फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए बुनियादी ढांचे और सुरक्षा की कमी पर भी सवाल उठाए हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने उनके समर्पण की सराहना की, लेकिन साथ ही चिंता भी व्यक्त की, यह कहते हुए कि किसी को भी अपना कर्तव्य निभाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।