हरियाणा पुलिस के कोशिशों से एक 22 साल की युवती लगभग 15 सालों के बाद महाराष्ट्र में अपने माता-पिता से मिल गई है। नेहा महाराष्ट्र के वर्धा जिले में अपने परिवार से सात साल की उम्र में तब बिछड़ गई थी, जब 2010 में उसकी मां उसे लेकर घर से चली गई थी।

हरियाणा पुलिस की मानव तस्करी निरोधक इकाई (एएचटीयू) में पंचकूला में तैनात सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) राजेश कुमार द्वारा महाराष्ट्र पुलिस के साथ उसकी जानकारी शेयर करने और उसके लापता होने के बाद दर्ज की गई गुमशुदगी की शिकायत पर ध्यान मंथन करने के बाद इस साल 15 जनवरी को वो अपने परिवार के सदस्यों से मिल गई।

बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है युवती

नेहा को ये याद नहीं है कि उसकी मां कहां गई या वो हरियाणा में कैसे पहुंची, लेकिन उसे याद है कि उसने पिछले 15 साल पानीपत और सोनीपत जिलों के दो शेल्टर होम में बिताए हैं। पिछले 13 सालों से नेहा सोनीपत के राई गांव में सरकारी शेल्टर होम बाल ग्राम में रह रही खी, जहां वो स्थानीय सरकारी कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है।

हरियाणा पुलिस के अनुसार, नेहा 2012 में पानीपत के सदलपुर गांव में एक अनाथालय पहुंची थी, लेकिन उसके बंद होने के बाद उसे उसी साल सोनीपत शेल्टर होम भेज दिया गया था। पिछले साल नवंबर में एएसआई राजेश कुमार एक अन्य लापता लड़की को उसके परिवार से मिलाने के लिए सोनीपत शेल्टर होम गए थे। इस दौरान नेहा ने कुमार से अपने माता-पिता को खोजने में मदद करने का रिक्वेस्ट किया।

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कुमार के अनुसार, उसे याद नहीं है कि उसके माता-पिता कहां हैं, लेकिन उसने कहा कि वो उन्हें बहुत याद करती है। पंचकूला में एएचटीयू टीम ने नेहा की काउंसलिंग की और उसके परिवार के बारे में कुछ सुराग जुटाने के प्रयास में उससे कई सवाल पूछे। काउंसलिंग के दौरान, उसे अपने घर के पास की दो गलियों की याद आई और उसने कहा कि वहां की भाषा सोनीपत में बोली जाने वाली भाषा से अलग थी।

उसने ये भी याद किया कि उसके पड़ोस के बुजुर्ग पुरुष एक अलग तरह की टोपी पहनते थे। एएसआई कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “विवरण प्राप्त करने के बाद, मैंने उसे कुछ तस्वीरें दिखाईं और पाया कि लड़की महाराष्ट्र की थी। हमने उसकी तस्वीर और संबंधित विवरण महाराष्ट्र पुलिस को भेजे। हमने पाया कि 15 मार्च 2010 को वर्धा जिले में एक लड़की के लापता होने का मामला दर्ज किया गया था।”

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उन्होंने कहा,” सूचना के आधार पर हरियाणा पुलिस ने नेहा के भाई अनिकेत ढोके से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया। वीडियो कॉल के दौरान परिवार ने नेहा को पहचान लिया और उसे वापस लेने के लिए 15 जनवरी को सोनीपत पहुंचे। हालांकि, उसने इस साल अपनी वार्षिक परीक्षाओं में शामिल होने के लिए फिलहाल शेल्टर होम में रहने का फैसला किया है।”

युवती के भाई ने क्या कुछ कहा?

अनिकेत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मेरी मां कविता और बहन नेहा 2010 में घर छोड़कर चली गईं, क्योंकि वे मेरे पिता की शराब पीने की आदत से परेशान थीं, जो जुआ भी खेलते थे। हम अब तक अपनी मां को नहीं ढूंढ पाए हैं।”

दिसंबर 2024 में, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पिछले आठ सालों में देश भर में 845 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में उनकी भूमिका के लिए एएसआई कुमार को ‘डीजीपी उत्तम सेवा पदक’ से सम्मानित किया। एडीजीपी ममता सिंह ने कहा, “सभी को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चों के पास आधार कार्ड हों, और उन्हें अपडेट रखें। अगर कोई गुमशुदा बच्चा मिलता है तो लोगों को तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।”