गुड़गांव के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट वायरल हो रही है, उसने बताया है कि उसका सलाना पैकेज 26 लाख है मगर वह घर में अकेला कमाने वाला है तो उसे किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। प्रेम और देखभाल वाले रिश्ते में महत्वाकांक्षा और आर्थिक योगदान जैसी चीजें तनाव पैदा कर सकती हैं। शादीशुदा जोड़ों में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एक शख्स पूरी तरह से आर्थिक जिम्मेदारी लेता है और दूसरा व्यक्ति पूरी तरह से परिवार की देखभाल करता है। इसके विपरीत अधिकांश पति-पत्नी दोनों काम करते हैं और घर का बोझ समान रूप से उठाते हैं लेकिन जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो इसका गंभीर परिणाम रिश्तों पर पड़ता है।
गुडगांव के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने हाल ही में अपना अनुभव शेयर किया है। एकमात्र कमाने वाले शख्स को क्या संघर्ष करना पड़ता है, इस पोस्ट को शख्स ने इस्टाग्राम पेज पर शेयर किया है। क्या कहा इस इंजीनियर ने? वार्षिक आय 26 लाख रुपये और बचत केवल 15 हजार रुपये। “मुझे लगातार चिंता होती है। इतनी सैलरी होने के बावजूद मैं केवल 15 हजार ही बचा पा रहा हूं”।
योगदान देने वाली और महत्वाकांक्षी पत्नी होती
34 साल के इस युवक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करता है और अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहता है। उसने अपना मासिक खर्च सोशल मीडिया पर शेयर किया है। किराए के 40 हजार रुपये, किराना और अन्य बिलों के 30 हजार रुपये, कार की ईएमआई के 16 हजार रुपये, माता-पिता को भेजने के लिए 20 हजार रुपये और बेटी के स्कूल और अन्य जरूरतों के लिए 50 हजार रुपये इस तरह का वर्गीकरण उसने अपनी पोस्ट में किया है।
इस शख्स की 30 साल की पत्नी ने एमबीए अधूरा छोड़ दिया और सात साल पहले शादी होने के बाद से उसने कोई काम नहीं किया है। इस पर उसने कहा है, “पहले मुझे लगता था कि ठीक है, वह समय के साथ कुछ काम करेगी। शायद घर से कुछ काम करेगी। लेकिन अब बेटी होने के छह साल बाद भी उसकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि करियर और सभी मामलों में महत्वाकांक्षी व्यक्ति से शादी की होती तो अच्छा होता।”
यूजर्स ने दिया सुझाव-
कुछ लोगों ने यह भी सुझाव दिया है कि, “आप घर के काम में हाथ बंटाते हैं और अपनी बेटी की देखभाल करते हैं? अगर आप यह काम कर रहे हैं तो ही उसे काम करने के लिए कहें।” एक अन्य ने लिखा है, “घर का किराया 40 हजार और बेटी का खर्च 50 हजार… आप गरीब नहीं हैं, बस आपके पास पैसे के प्रबंधन की कमी है।”
नेटिज़न्स ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए माता-पिता के रूप में दोनों के चुनौतियों पर प्रकाश डाला। पति-पत्नी का रिश्ता बनाए रखने के लिए वास्तव में दोनों पक्षों का संतुलन समान होना चाहिए। ऑफिस का काम और घर की जिम्मेदारियां दोनों को ही अच्छी तरह से निभानी चाहिए। साथ ही, एक-दूसरे का साथ होने पर भविष्य में बच्चे होने पर भी ये चीजें मुश्किल नहीं होतीं। हालांकि, इससे यह भी उजागर होता है कि महिलाओं की महत्वाकांक्षा को कितना महत्व दिया जाता है। अगर कोई महिला महत्वाकांक्षी है तो भी उसे घर, बच्चे और नौकरी के बीच संतुलन बनाना पड़ता है।