Google Trends: दिल्ली में शुरू हुई अटल कैंटीन योजना ने लॉन्च होते ही ज़बरदस्त असर दिखाया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर गुरुवार को शुरू हुई इस योजना के तहत महज दो दिनों में 33 हजार से ज्यादा लोगों ने सिर्फ 5 रुपये में पौष्टिक भोजन किया। सरकार के आंकड़े बताते हैं कि यह योजना शहरी गरीबों, श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए तुरंत राहत बनकर उभरी है।

पहले ही दिन यानी गुरुवार को 17,587 लोगों को खाना परोसा गया, जिसमें 8,604 लोगों ने दोपहर और 8,983 ने रात का भोजन किया। शुक्रवार को खबर लिखे जाने तक 15,805 लोगों ने अटल कैंटीन में खाना खाया, जिनमें दोपहर के भोजन में 10,696 और रात के खाने में 5,109 लोग शामिल रहे। इस तरह दो दिनों में कुल 33,392 लाभार्थियों तक योजना पहुंच चुकी है।

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दिल्ली सरकार ने फिलहाल 45 अटल कैंटीन शुरू की हैं, जबकि बाकी 55 आने वाले दिनों में खोली जाएंगी। इन कैंटीनों में 5 रुपये की थाली में दो रोटियां, दाल, चावल, सूखी सब्जी और अचार दिया जा रहा है। हर कैंटीन की रोजाना करीब 500 से 1000 लोगों को भोजन कराने की क्षमता है। दोपहर का भोजन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक और रात का भोजन शाम 6:30 से 9:30 बजे तक मिलेगा।

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मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मार्च 2025 के बजट में 100 अटल कैंटीन खोलने की घोषणा की थी, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। झुग्गी बस्तियों, निर्माण स्थलों और गरीब इलाकों के पास कैंटीन खोलने की रणनीति बनाई गई है। नरेला, बवाना, बदली, आरके पुरम, शालीमार बाग, जंगपुरा, ग्रेटर कैलाश, राजौरी गार्डन समेत दिल्ली के कई इलाकों में ये कैंटीन चालू हो चुकी हैं।

सरकार का दावा है कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। सभी कैंटीनों में सीसीटीवी कैमरे, डिजिटल टोकन सिस्टम, आरओ पानी, एलपीजी स्टोव और रियल-टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मेट्रो से लाजपत नगर पहुंचकर लोगों से संवाद भी किया और अटल बिहारी वाजपेयी के मेट्रो विजन को याद किया। साफ है, अटल कैंटीन अब सिर्फ योजना नहीं, बल्कि दिल्ली की ज़मीन पर उतरती सामाजिक राहत बन चुकी है।