दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भारतीय करेंसी पर भगवान गणेश और माता पार्वती की फोटो लगाने की मांग की है। पीएम मोदी को इस संबंध में उन्होंने पत्र भी लिखा है और कहा कि एक तरफ महात्मा गांधी की फोटो वैसे ही रहने दिया जाए और दूसरी तरफ भगवान की तस्वीरें लगा दी जाएं। केजरीवाल के इस मांग का भाजपा ने विरोध किया। दिल्ली भाजपा सांसद गौतम गंभीर से जब इस विवाद पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि शर्म आती है कि ऐसे लोग भारत के अधिकारी रह चुके हैं।

अरविंद केजरीवाल पर भड़के गौतम गंभीर

गौतम गंभीर से जब रूपये पर भगवान की तस्वीर लगाए जाने की मांग को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि अगर नोट पर देवी देवता की तस्वीर छापने से अर्थव्यवस्था सुधर सकती है तो वो यह भी कह सकते हैं कि हर बैट पर डॉन ब्रैडमैन की फोटो होनी चाहिए ताकि रन बन सके। गंभीर ने कहा कि एक ब्यूरोक्रेट जिसको देखकर कितने लोगों ने वोट दिया, शायद पहली बार मेरी माँ ने भी वोट दिया कि पढ़ा-लिखा आदमी है।

केजरीवाल पर कसा तंज

गंभीर ने कहा कि लोगों ने यह सोच कर वोट दिया था कि दिल्ली की हालत बदलेगी, वो आदमी कहता है कि अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए गणेश और लक्ष्मी की फोटो लगाईं जानी जानिए। मुझे शर्म आती है कि कि हमारे देश में ऐसे भी अधिकारी होते हैं जो ऐसा बयान देते हैं। ये किस तरह की राजनीति कर रहे हैं? कभी खुद को श्रवण कुमार कहते हैं, कभी कृष्ण बन जाते हैं। ये पढ़े लिखे लोगों की राजनीति है?

गंभीर के इस बयान पर रोफेल गांधी नाम के यूजर ने लिखा कि क्रिकेट कमेंट्री के बिजी शेड्यूल से वक्त निकालकर पार्ट टाइम भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि मूर्तियां लगाने से कुछ नहीं होता। अगर नोट पर गणेश की तरह बैट पर ब्रैडमैन की फोटो लगा दें तो क्या छक्के लगेंगे। लॉजिकल बात है। आपको कैसी लगी? क्या आप भगवान को नहीं मानते? @jaibhagwantan यूजर ने लिखा कि आप शतक या अर्धशतक लगाकर क्यों बैट उठाकर आकाश की तरफ देखकर किसका धन्यवाद करते थे? आप खुलकर क्यों नहीं कहते भगवान है या नहीं?

आलोक तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि ब्रैडमैन और तेंदुलकर इंसान है, भगवान नहीं। तुम दोनों हमारे भगवान का अपमान करने में लगे हो, तुम्हे किसी भी धर्म से नफरत क्यों हैं? ना तो तुम हिंदू के हो पाए और ना मुस्लिमों के। एक यूजर ने लिखा कि जब भगवान राम का नाम लिखने से पत्थर, पानी पर तैरने लगे तो लक्ष्मी गणेश के चित्र से इकोनॉमी उठ क्यों नहीं सकती ?