केरल के वायनाड में राहुल गांधी के ऑफिस में पिछले दिनों तोड़फोड़ हुई थी। सीपीएम छात्रसंघ एसएफआई के सदस्यों पर इस तोड़-फोड़ का आरोप लगाया गया था। हालांकि अब इस मामले में कांग्रेस पार्टी के ही चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में राहुल गांधी के ऑफिस का सहायक भी शामिल है। इसके बाद से ही कांग्रेस पर लोग तंज कस रहे हैं। 

मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी के ऑफिस में तोड़फोड़ एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने की थी लेकिन बाद कांग्रेस के ही कुछ वर्करों ने भी तोड़-फोड़ की थी। पुलिस ने शुक्रवार को चार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पहचान वी नौशाद, केए मुजीब, एसआर राहुल और केआर रतीश कुमार के रूप में हुई है। रतीश कुमार राहुल गांधी के ऑफिस का सहायक है।

भाजपा नेता प्रेम शुक्ल ने लिखा कि शर्मनाक ! राहुल गांधी के कर्मचारियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा ध्वस्त की! अजय त्रिवेदी नाम के यूजर ने लिखा कि कांग्रेसी भी AAP के रास्ते चल पड़े, खुद मारो और आरोप दूसरों पर वाह। घिनौनी राजनीति! सुधीर कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि तभी राहुल गांधी उन सबको माफ करने को बोल रहे थे, सब अपने ही आदमी जो थे।

जया नाम की यूजर ने लिखा कि राहुल गांधी के करीबी समेत चार लोग ऑफिस में तोड़फोड़ और महात्मा गांधी जी तस्वीर को तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी जी इस पर कुछ बोलेंगे? भाजपा नेता अनूप AJ ने लिखा कि कार्यालय में तोड़फोड़ हुई और राहुल गांधी इससे नाराज नहीं हुए। उन्होंने इसे बेहद हल्के में लिया क्योंकि वह इसके बारे में जानते थे। गांधी जी के प्रति जो अनादर दिखाया गया है, वह पूरी तरह से उनके ज्ञान से होना चाहिए। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता विष्णु वर्धन रेड्डी ने लिखा कि अब सभी को समझ जाना चाहिए कि कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वालों को राहुल गांधी ने क्यों माफ कर दिया था। नीरज नाम के यूजर ने लिखा कि कांग्रेस सत्ता में रहे या बाहर, हर जगह घोटाला करने में माहिर हैं। नवीन अग्रहरी ने लिखा कि तभी तो राहुल गांधी इनको माफ करने के लिए बोल रहे थे, उनको सब पता था।

बता दें कि जब राहुल गांधी के ऑफिस में तोड़-फोड़ हुई थी। उसके बाद पत्रकार द्वारा ली गई तस्वीर में दिखाई दे रहा था कि गांधी जी की तस्वीर के साथ तोड़-फोड़ नहीं हुई थी लेकिन जब पुलिस पहुंची तो वहां मौजूद गांधी की तस्वीर भी जमीन पर नीचे गिरी हुई पड़ी थी। इसकी जब जांच हुई तो कांग्रेस के चार कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए।