उत्तर प्रदेश में हिंसा के आरोपियों पर कार्रवाई के कई वीडियो सामने आए। जेल में बंद आरोपियों की तस्वीरें वायरल हुईं और प्रयागराज में हिंसा के आरोपी के घर बुलडोजर चला दिया गया। सोशल मीडिया पर लोगों की राय बंटी हुई है। हालांकि इसी बीच एक पूर्व आईपीएस ने आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया तो विवाद खड़ा हो गया।
आईपीएस एन सी अस्थाना ने ट्विटर पर आरोपियों की थाने में कथित पिटाई का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि “अत्यंत ही मनोहारी दृश्य! सुन्दर, अतीव सुन्दर! हेकड़ी ऐसे ही निकलती है!” एन सी अस्थाना के इस ट्वीट पर कई लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं लेकिन एक आईपीएस ने भी इस पर अपनी राय दी है।
आईपीएस अरुण बोथरा ने एस सी अस्थाना के ट्वीट के जवाब में लिखा कि “सर, हिरासत में हिंसा कोई खुशी की बात नहीं है। पुलिस थाने में, हिरासत में लिए गए किसी व्यक्ति के साथ मारपीट करना कोई बहादुरी का काम नहीं है। यह एक अपराध है। एक अवैध कार्य का महिमामंडन न करें। अदालतों के पास दोषियों को दंडित करने का अधिकार और कर्तव्य है, पुलिस का नहीं।”
जवाब में एक यूजर ने लिखा कि ‘देश में करोड़ों केस कोर्ट में पेंडिंग पड़े हुए हैं, अपराधियों और दंगाईयों को भी मालूम है कि कोर्ट से उनको तारीख पर तारीख मिलेगी, बेल पर बाहर आ जाएंगे और 40–50 साल तक केस चलेगा इसलिए वो जुर्म कर रहे हैं।’ विवेक गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा कि ‘किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। अगर इन्होंने पत्थरबाजी की है तो कोर्ट इन्हें सज़ा देगा, ना कि पुलिस इन्हें इस तरह बर्बरतापूर्ण पीटेगी।’
नेहा नाम की यूजर ने लिखा कि ‘इसी वजह से पुलिस वालों पर विश्वास नहीं करती है जनता, आईपीएस की भाषा आतंकवादी जैसी है। कैसे कोई पुलिस पर भरोसा करे? एक यूजर ने आईपीएस एन सी अस्थाना के ट्वीट पर लिखा कि ‘कौन से कानून में ऐसा लिखा है कि थाने लाकर पिटाई करो..? और बड़े उत्साह से इसे उचित ठहराने वाले कोई अनपढ़ नहीं, खुद कानून के तथाकथित रक्षक है।’
कौन हैं एन सी अस्थाना? एन सी अस्थाना केरल के पूर्व डीजीपी हैं और बीएसएफ/सीआरपीएफ के एडीजी रह चुके हैं। एन सी अस्थाना ने कई ट्वीट किए हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “हेलो दंगाईयों (किसी भी समुदाय के), योगी आदित्यनाथ का सबक सीखें? कानून का पालन करो और कायदे से, अपनी औकात में रहो। गुंडई करोगे तो क्या होगा, समझ ही गए होगे? कल दिन भर लिब्बू लोग छाती पीटे, रोये गाये, विरोध किये, कुछ कर पाए? ढह गया ना? उनके बहकावे में ना आओ। बाल बच्चों का ख्याल करो।’
एक अन्य ट्वीट में एन सी अस्थाना ने लिखा है कि ‘कुछ जिहादी जिहादन पत्रकार स्कूल के दब्बू बच्चों की तरह हर बात पर अल जज़ीरा के पास इंटरव्यू देने ऐसे भागते हैं जैसे गोया हेडमास्टर से शैतान बच्चों की शिकायत कर रहे हों। भारत में रहना है तो हमारे संविधान और न्यायिक व्यवस्था में आस्था रखनी होगी। अल जज़ीरा के सामने आंसू बहाना बेकार है।’
