कश्मीर घाटी के कुल गांव में 2 जून यानी गुरुवार को एक बैंक की शाखा में घुसकर आतंकवादियों ने मैनेजर विजय कुमार की हत्या कर दी। जम्मू – कश्मीर में टारगेट किलिंग थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लगातार हो रही इन घटनाओं की वजह से कश्मीरी पंडित और प्रवासी मजदूर कश्मीर से पलायन कर रहे हैं। इसको लेकर फिल्ममेकर विनोद कापड़ी (Filmmaker Vinod Kapri) ने मोदी सरकार पर तंज कसा है।

विनोद कापड़ी ने सरकार पर भड़कते हुए लिखा कि 2022 में कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए ना अमित शाह जिम्मेदार हैं और ना ही नरेंद्र मोदी। कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए लिखा, ‘ कब तक मौन रहोगे विदुरो? कब तक अपने लब खोलोगे? जब सर ही कट जाएगा तो, किस मुंह से क्या बोलोगे?’ कश्मीर घाटी में हो रही घटनाओं को लेकर आम सोशल मीडिया यूजर्स की सरकार से कई तरह के सवाल कर रहे हैं।

कॉमेडियन राजीव निगम ने कमेंट किया कि अब सभी धंधेबाजों के मुंह बंद हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान ने घाटी से हिंदू परिवारों के पलायन पर लिखा कि ये बेहद ही हृदय विदारक तस्वीर है। आज एक बार फिर से कश्मीरी पंडित अपने घर को छोड़कर भागने पर मजबूर हुए, निकम्मी मोदी सरकार चुनावों और भाषणों में व्यस्त रही। कश्मीरी पंडितों को कहीं का नहीं छोड़ा मोदी सरकार ने, दर-दर भटकने को वो मजबूर हैं।

AAP नेता सौरभ भारद्वाज लिखते हैं कि इनका मनोबल तोड़ने के लिए सिर्फ मोदी सरकार जिम्मेदार है, अपने देश में भी इन्हें सुरक्षा नहीं दे पाते मोदी जी। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह (AAP Sanjay Singh) ने इस पर प्रतिक्रिया दी – ये बहुत पीड़ादायक तस्वीर है, वाह रे मोदी जी आपने कश्मीरी पंडितों को अपने ही देश में बेगाना बना दिया।

इसके साथ उन्होंने यह भी लिखा कि 1990 में कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर से पलायन किया। बीजेपी सत्ता में थी, 2022 में कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे हैं बीजेपी सत्ता में है। मोदी जी फिल्म पर रोने का ड्रामा कर सकते हैं, कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा नहीं दे सकते। कांग्रेस कार्यकर्ता वैभव वालिया ने कमेंट किया कि देश में कहीं भी निवास कर रहे किसी भी समुदाय के परिवारों को उनकी इच्छा के अनुसार रहने का अधिकार है। कृपया हमारे अधिकारों की रक्षा करें, किसी को भी किसी के डर से अपना घर नहीं छोड़ना पड़े।