किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को यहां कहा कि किसानों एवं श्रमिकों में बडी से बड़ी ताकत को घुटने के बल झुकाने की शक्ति होती है। उन्होंने हालिया समाप्त आंदोलन को जहन में याद रखने के लिये अपने घरों में एक-एक पेड़ लगाने की अपील की। टिकैत बोले कि अब नशा मुक्ति और दहेज प्रथा पर आंदोलन के जरिए वार होगा।

किसानों के धरने यहां समाप्त करवाने पहुंचे टिकैत ने किसानों को आंदोलन की जीत की बधाई देते हुए कहा कि जब भी आंदोलन को जरूरत पड़ी, हरियाणा की धरती से नई ताकत दी गई। उन्होंने कहा- किसानों ने आंदोलन के माध्यम से अपनी ताकत को दिखा दिया है। ऐसे में आने वाले समय में भी कोई सरकार अब किसानों के खिलाफ इस प्रकार का षड्यंत्र नहीं कर पाएगी।

उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आंदोलन की याद को जिंदा रखने के लिए अपने-अपने घरों में आंदोलन के नाम का एक-एक पेड़ अवश्य लगाएं जिससे पर्यावरण भी बढ़ेगा और आंदोलन की याद भी ताजा रहेगी।

टिकैत ने कहा कि अभी आंदोलन बंद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब नशा मुक्ति और दहेज प्रथा को लेकर सामाजिक आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को एकजुटता दिखाते हुए ऐसे सामाजिक आंदोलन भी चलाने पड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन अभी स्थगित किया गया है लेकिन भविष्य में भी आंदोलन होंगे।

गौरतलब है कि कृषि कानून वापसी के बाद 1 साल से ज्यादा समय तक चला आंदोलन समाप्त हो गया है। किसान धरने से अपने-अपने घरों को लौट चुके हैं। राकेश टिकैत आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा थे। वो गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत भी बड़े किसान नेता रहे थे। एक समय दिल्ली के वोट क्लब पर उनके मनाने कई केंद्रीय मंक्षी एक साथ उनकी अगुवानी को पहुंचे थे।