तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन का प्रतिनिधित्व करने वाले राकेश टिकैत ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि किसान खेती छोड़कर मजदूर बन रहे हैं। किसानों की आय घट रही है और अरबपतियों की संपत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। अगर ठोस कदम नहीं उठाये गये तो आंदोलन ही रास्ता बचेगा।

राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखा कि “ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट, 2021 में 84 % परिवारों की आय गिरी, 20% की तो आधी हो गई। भारतीय अरबपतियों की आय दोगुना बढ़ी। हर दिन 25,000 किसान खेती छोड़ मजदूर बन रहे हैं। फसलों का लाभकारी मूल्य (MSP गारंटी) नहीं मिलेगा तो ये क्रम जारी रहेगा और किसान आंदोलन ही रास्ता बचेगा।”

राकेश टिकैत के इस ट्वीट पर अब लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। हरिमोहन गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जनाब MSP से ज्यादा गेंहू का रेट किसानों को मिल रहा है, फालतू की राजनीति बंद करो।’ करण सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मुझे ये समझ नही आता कि जब देश के 5 राज्यों में चुनाव थे, उससे पहले ही किसान आंदोलन वापस क्यों हुआ। बीजेपी फिर से सत्ता में आई, इसके जिम्मेदार किसान भी हैं।’

मधु नाम की यूजर ने लिखा कि ‘तुम तो अमीर हो गए किसान आंदोलन करके, ऐसा था तो उत्तर प्रदेश मे किसानों ने तुम्हारा साथ क्यों नहीं दिया, ना ही किसी और राज्य में।’ डीएस चौहान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अपना बताओ, तुम्हारी घटी या बड़ी है। तुम्हारी टी॰आर॰पी॰ तो घटी है लेकिन पैसा तो बढ़ा है तुम्हारा।’

धीरेंद्र जोशी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘करो ना, क्यों नही कर रहे? क्या चुनाव से ही मतलब था? क्या अगले चुनाव से पहले माहौल बनाने के लिए आंदोलन किया जाएगा? या गर्मी में थोड़ा मुश्किल है?’ नवीन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘केरल और बंगाल में मंडियां नहीं है, वहां भी आंदोलन करेंगे क्या? या आंदोलन के नाम पर सिर्फ विदेशी मीडिया में छाए रहने के लिए सिर्फ दिल्ली को घेरकर ही बैठोगे, टिकैत साहब?’

ओम प्रकाश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पंजाब के किसानों पर लाठीया भांजी फिर, गिरफ्तारी वारंट निकाले गये। किसान वहां अडानी को फसल बेच रहे हैं। मजबूरी है क्योंकि राज्य सरकार उचित दाम नहीं दे रही है तो वंहा पर नहीं जाएंगे।’ कमल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाकर बीजेपी ने क्या हासिल किया है? देश बर्बादी की तरफ बढ़ता जा रहा है! मोदी जी को पता ही नहीं है कि देश में क्या हो रहा है। देश की जरूरत क्या है, क्या और कैसे करना चाहिए? नारेबाजी के आलावा कुछ नहीं मोदी जी के पास।’