मोदी सरकार ने आज साल 2022 का बजट सदन में पेश किया। इसके बाद अब ये चर्चा छिड़ गई है कि बजट किसके लिए ठीक है और किसके नहीं। विपक्ष इस बजट को जीरो बजट कह रहा है तो बीजेपी के नेता और मंत्री इसे दूरदर्शी बजट बता रहे हैं। पीएम मोदी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह बजट लोगों के लिए नई उम्मीदें और अवसर लेकर आया है। यह अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। यह ‘अधिक बुनियादी ढांचे, अधिक निवेश, अधिक विकास और अधिक नौकरियों’ से भरा है। हरित नौकरियों का एक नया प्रावधान भी है; बजट युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करता है।
आज तक चैनल के एक कार्यक्रम में बजट पर चर्चा के दौरान योगेन्द्र यादव ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार किसानों से बदला ले रही है, क्योंकि किसानों ने सरकार को कानून वापस लेने पर मजबूर कर दिया था। इससे ज्यादा अपमानजनक बजट तो कभी आया ही नहीं। बजट देखते हुए पहला सवाल यही दिमाग में आता है कि पिछले 6 साल से किसानों की आय दोगुनी करने के वादे का क्या हुआ?
बजट पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आजादी के बाद ये पहला बजट है कि सरकार के घोर समर्थको को भी पता नहीं है कि अच्छा क्या हुआ है? भानु प्रताप सिंह किसान नेता और भाजपा समर्थक होने के बावजूद यह नहीं बता पाए कि बजट में मिला क्या है? वे सिर्फ ये कह पाए कि बीजेपी के समर्थक हैं। कांग्रेस प्रवक्ता के इस बयान पर भानु प्रताप सिंह भड़क गए।
किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने कहा कि योगेन्द्र यादव जी को मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि उन्होंने क्या-क्या किया है। अब मैं सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करूंगा कि मेरी, योगेन्द्र यादव और जो नेता बने हैं, उनकी CBI जांच करवाई जाए। अगर मैंने गलत किया है तो मुझे फांसी पर चढ़ा दिया जाए और अगर इन्होंने गलत किया है तो इन्हें जेल में डाल दिया जाए। इस पर योगेंद्र यादव ने कहा कि भानु जी ने स्वीकार किया कि वे समर्थक हैं लेकिन फिर भी उन्हें बजट समझ नही आया है।
बजट पेश के बाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट को मोदी सरकार का ‘जीरो सम बजट’ बताया। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, इस बजट में नौकरीपेशा, मिडिल क्लास के लिए, गरीबों के लिए, बेरोजगारों के लिए, किसानों के लिए और MSMEs के लिए कुछ नहीं है।
सचिन पायलट ने ट्विटर पर लिखा कि केंद्रीय बजट महंगाई सहित-रोजगार रहित बजट है। किसानों की अनदेखी- MSP बजट में कमी, रक्षा बजट में कमी, गरीबों की जेब में पैसा नहीं, बेरोजगारों के लिए रोडमैप नहीं, देश पर कर्ज में बेतहाशा वृद्धि, वित्तीय घाटा बेलगाम, सभी तरह के निवेश में कमी।
सोशल मीडिया पर भी अब आम लोग इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि आखिर बजट में था क्या? किसे फायदा मिलेगा, किसे नुकसान होगा? बजट पेश होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर #middleclass ट्रेंड करने लगा। विपक्ष के नेता इस बजट को बेकार बता रहे हैं जबकि सत्ता पक्ष के नेता इस बजट की तारीफ करते नहीं थक रहे।