दिग्गज अभिनेता और हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार दिलीप कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने 98 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। लंबे वक्त से दिलीप कुमार बीमार चल रहे थे। उन्हें सांस लेने की समस्या के चलते 29 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उन्होंने सुबह 7:30 बजे मुंबई के खार हिंदुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली।
दिलीप कुमार के निधन की जानकारी उनके पारिवारिक मित्र फैजल फारुकी ने देते हुए बताया कि बहुत भारी दिल से यह कहना पड़ रहा है कि अब दिलीप साहब हमारे बीच नहीं रहे। जानकारी के अनुसार दिलीप कुमार के पार्थिव शरीर को सबसे पहले उनके घर पर ले जाया जाएगा। सांताक्रुज में शाम 5:00 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दिलीप कुमार का जन्म 1922 में पाकिस्तान में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई नासिक से हुई। बाद में उन्होंने फिल्मों में अभिनय का फैसला लिया। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1944 में रिलीज हुई फिल्म ज्वार – भाटा से की थी। दिलीप कुमार ने कई हिट फिल्में दी हैं। उनकी मुग़ल-ए-आज़म उस वक्त की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी।
दिलीप कुमार के निधन की खबर से फिल्म जगत में सो पसर गया है। फिल्म जगत के अभिनेताओं के साथ ही कई राजनेता भी उन्हें याद कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपनी शादी में आए दिलीप कुमार की एक फोटो शेयर की है।
उन्होंने दिलीप कुमार को याद करते हुए लिखा कि, ‘ मौत उन्हें कहीं ले जा नहीं सकती और चाहने वालों की याद उन्हें कहीं जाने नहीं देगी। वो मुग़ल-ए-आज़म का बगावती अंदाज, ‘सलीम’ का अमर किरदार, आप कहीं नहीं जा सकते दिलीप साहब। आज पुरानी राहों से, कोई मुझे आवाज़ न दे। आज नई मंज़िल है मेरी, कल के ठिकाने भूल चुका। अखिलेश यादव के ट्वीट पर दिल्ली कुमार के फैंस भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कमेंट कर रहे हैं।
मौत उन्हें कहीं ले जा नहीं सकती और चाहने वालों की याद उन्हें कहीं जाने नहीं देगी… वो ‘मुग़ल-ए-आज़म’ का बगावती अंदाज़… ‘सलीम’ का अमर किरदार… आप कहीं नहीं जा सकते दिलीप साहब।
श्रद्धांजलि!
आज पुरानी राहों से, कोई मुझे आवाज़ न दे…
आज नई मंज़िल है मेरी, कल के ठिकाने भूल चुका… pic.twitter.com/wrdSmBBPor— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 7, 2021
करीब 5 दशकों के दौरान दिलीप कुमार ने 65 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन्हें 1994 में फिल्म जगत के सबसे बड़े पुरस्कार दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही उन्हें पद्म विभूषण और पद्मभूषण भी प्रदान किया गया है।